Sunday, September 28, 2025

आज़ादी मिलने तक यदि भगत सिंह जीवित रहते तो अखण्ड भारत अखण्ड ही रहता: नागेन्द्र बहादुर सिंह

इंकलाबी युवा दिवस के रूप में मनाया गया भगत सिंह की जयंती 
बलिया। इंडियन पीपुल्स सर्विसेज (आईपीएस) के तत्वावधान में भगत सिंह जी की 178वीं जयंती इंकालबी युवा दिवस के रूप में 28 सितम्बर दिन रविवार को बरवां चट्टी पर बड़े ही हर्षौल्लास के साथ उनके चित्र पर माल्यार्पण पुष्पांजलि अर्पित कर इंकलाब जिंदाबाद भगत सिंह की राष्ट्रवादी इंकलाबी विचारधारा जिंदाबाद के उद्घोष के साथ मनाया गया। 

देश में केंद्रीय इंकलाबी भगत सिंह विश्वविद्यालय की स्थापना करने उनके विचारों लेखों को शैक्षणिक पाठ्य पुस्तकों में शामिल करने तथा भगत सिंह की जेल डायरी पर शोध कार्य प्रारंभ किए जाने की मांग को प्रमुखता से उठाते हुये पूर्वांचल छात्र संघर्ष समिति के संयोजक श्री मुरली मनोहर टाऊन स्नातकोत्तर महाविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष नागेन्द्र बहादुर सिंह झुन्नू ने अपने संबोधन में कहा कि इंकलाबी भगत सिंह अखंड भारत के सबसे युवा समस्त भारतवासियों के हृदय में वास करने वाले महान क्रांतिवीर हैं। शहीद आज़म भगत सिंह जी के इंकलाबी राष्ट्रवादी विचारधारा पर चलकर ही अखंड भारत का कल्याण संभव है और हमारा महान देश भारत दुनिया के महानतम देश की अग्रिम पंक्ति में खड़ा दिखाई देगा। आज देश की जो हालात है ऐसी स्थिति में भगत सिंह के विचारधारा की प्रासंगिकता और भी ज्यादा बढ़ जाती है। आज जरूरत है कि भगत सिंह के विचारों, लेखों और उनकी जेल डायरी से आने वाली युवा पीढ़ी को अवगत कराया जाय। भगत सिंह जी के लेख विद्यार्थी और राजनीति तथा नौजवानों के नाम क्रांति का संदेश देश के हर छात्र युवा के साथ-साथ सभी मजदूर, किसानों तक पहुंचाया जाय। आगे कहा कि यदि भगत सिंह देश को स्वतंत्रता मिलने तक जीवित रहते तो निश्चित ही देश के टुकड़े नहीं होते और अखण्ड भारत अखण्ड ही रहता। क्योंकि भगत सिंह को मानने वाले लोग अखंड भारत के हर हिस्से में हैं।

आईपीएस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अग्रेश मौर्या, राष्ट्रीय सचिव आवैस असगर हाशमी ने संयुक्त रूप से कहा कि भगत सिंह विचारधारा पर चलकर ही इंडियन पीपुल्स सर्विसेज (आईपीएस) द्वारा विद्यालय और विश्वविद्यालय से लगायत गांव गांव में युवा वर्ग को आईपीएस से जोड़ने का काम किया जा रहा है। प्रदेश अध्यक्ष जुबेर खान बागी ने कहा कि भगत सिंह ने कहा था कि इंकलाब की तलवार विचारों की सान पर तेज होती है। इसका आशय यह है कि अध्ययन आंदोलन को तेज करना। अध्ययन के प्रति भगत सिंह की रुचि किस हद तक थी यह उनके जेल डायरी वह पुस्तकालय से मंगाई गई पुस्तकों की सूची से लगता है। भगत सिंह आप जिंदा हैं छात्रों, नौजवानों में मजदूरों और किसानों में जनता के अरमानों में भारत की इंकलाबी युवा पीढ़ी आपके सपनों को मंजिल तक पहुंचाएगी। इस संकल्प के साथ भगत सिंह जयंती इंकलाबी युवा दिवस कार्यक्रम संपन्न हुआ।

 अध्यक्षता आईपीएस के संस्थापक राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद गोंडवाना तथा संचालन मनोज शाह ने किया। जिलाध्यक्ष सुरेश शाह, जिला सचिव मनोज चौहान, अग्रेश मौर्या, अवैस असगर हाशमी, सुभाष सिंह चौहान, लालचंद शाह, संजय गोंड, मोहन वजी अहमद, डॉक्टर अटीकम, अतिकुर रहमान, अमित शाह, धनंजय आदि लोग रहे।

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