Friday, November 25, 2022

समाज को बेहतर बनाने के लिए किया जाना चाहिए विज्ञान का उपयोग: प्रो0 जॉन माइकल वालेस

जेएनसीयू में 'बलिया: एक पुनरावलोकन संगोष्ठी का हुआ आयोजन'
बलिया। जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन बृहस्पतिवार को दो सत्रों में संगोष्ठी का आयोजन सम्पन्न हुआ। प्रथम सत्र की अध्यक्षता करते हुए महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी के पूर्व कुलपति प्रो. पृथ्वीश नाग ने बलिया के शैक्षणिक परिदृश्य पर अपने विचार दिए। 
उन्होंने कहा कि यहाँ का जनसंख्या घनत्व बहुत अधिक है जिसे देखते हुए उच्च शिक्षा में संस्थानों एवं संसाधनों को बढ़ाये जाने की जरूरत है। इसी से बलिया का विकास संभव है। इस सत्र में प्रो. प्रतिभा पांडेय, प्रो. प्रतिभा त्रिपाठी, प्रो. अंजनी कुमार सिंह ने बलिया के  शैक्षणिक परिदृश्य पर अपने विचार रखें एवं अपने महत्त्वपूर्ण सुझाव दिए।

संगोष्ठी के दूसरे सत्र में 'बलिया: एक पुनरावलोकन' विषय पर एक विचारोत्तेजक  परिचर्चा  आयोजित की गई। इसकी शुरुआत करते हुए बलिया के लिविंग लिजेंड और इलाहाबाद विश्वविद्यालय के विधि संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो.आर. के. चौबे ने सुझाव दिया कि बलिया के विकास के लिए लिविंग लिजेंड के सदस्यगण यहाँ के संभ्रांत नागरिक, शिक्षाविद तथा जिला प्रशासनन के अधिकारियों के बीच समन्वय स्थापित कर एक समिति बनाई जाए जो बलिया के विकास में महत्त्वपूर्ण रोडमैप बनाकर उसका क्रियान्वयन कर सके। इसी से बलिया के लोगों को गरिमा के साथ जीवन जीने का अधिकार मिल सकेगा। बलिया के लिविंग लिजेंड प्रसिद्ध मौसम वैज्ञानिक प्रो. जगदीश शुक्ल ने कहा कि विश्वविद्यालय से बलिया की तमाम विभूतियों को जोड़कर इसके विकास की बुनियाद रखी जा सकती है। दुनिया के तमाम विश्वविद्यालय अपने लोगो को जोड़कर वहाँ के सामाजिक सामुदायिक विकास में भूमिका निभा रहे हैं । बलिया के विकास के लिए भी ऐसे ही बहुस्तरीय प्रयास करने होंगे। अमेरिका से ही पधारे प्रो. जॉन माइकल वॉलेस ने कहा कि मैं बीते 12 वर्षो से बलिया लगातार आ रहा हूंँ और यह महसूस करता हूं कि विज्ञान का उपयोग समाज को बेहतर बनाने के लिए किया जाना आवश्यक है, इससे यहाँ ध्वनि प्रदूषण, जल प्रदूषण एवं कूड़ा निस्तारण की समस्या से मुक्ति मिल सकती है। 

भारत के लोकपाल की सदस्य पूर्व आईपीएस अर्चना मिश्रा रामसुंदरम ने बलिया से जुड़ी कई स्मृतियों को ताजा किया और कहा कि बेहतर बलिया का निर्माण हम सबकी साझी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि छोटे- छोटे बच्चों में  अपराध की प्रवृत्ति का बढ़ना चिंताजनक है यदि महिला शिक्षा को बढ़ाना है तो अपराध पर अंकुश लगाना होगा। अंतिम वक्ता के रूप में जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल  ने  अपने विचार रखें उन्होंने कहा कि आम जन के सहयोग से बलिया के विकास को लगातार सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सुरहा ताल में 10 दिसम्बर से नौकायन शुरू किया जा रहा है। इसी प्रकार यहाँ की  सब्जियों के कई देशों में निर्यात की व्यवस्था भी की गई है। उन्होंने कहा कि लीविंग लिजेंड का निर्देश हमारे लिए महत्त्वपूर्ण है।हमारी कोशिश है कि आपके निर्देशों का क्रियान्वयन सुनिश्चित हो। डॉ. अमित मिश्र ने ऑनलाइन माध्यम से जुड़कर बलिया की स्मृतियों को साझा किया। 

 परिचर्चा में शामिल विद्वानों  ने सभागार में उपस्थित विद्यार्थियों के प्रश्नों का समाधान भी सुझाया। कुलपति प्रो.कल्पलता पांडेय ने कहा कि आप सभी के सहयोग से मैं विश्वविद्यालय को शिक्षा का उत्तम केंद्र बनाना चाहती हूंँ, जो बलिया और प्रदेश के विकास में अग्रणी भूमिका निभाये। कार्यक्रम के अंत में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। संचालन डॉ.अभिषेक एवं डॉ. विनीत ने किया। धन्यवाद ज्ञापन शैक्षणिक निदेशक डॉ पुष्प मिश्रा ने किया। इस अवसर पर प्रो. एस. सी.राय, प्रो.जे.पी.इन. पांडेय, प्रो. रविन्द्र नाथ मिश्र, प्रो. साहेब दुबे, प्रो. जैनेन्द्र पांडेय, प्रो. फूलबदन सिंह, डॉ. प्रमोद शंकर पाण्डेय,डॉ. अजय चौबे, डॉ. प्रियंका सिंह, डॉ.शशिभूषण, डॉ. संदीप, डॉ. मनोज कुमार एवं अन्य शिक्षकगण-विद्यार्थी उपस्थित रहे।
रिपोर्ट: विनय कुमार

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