जांच टीम द्वारा चोरी को छिपाने का प्रयास नहीं किया जाता तो रोकी जा सकती थी मामले की पुनरावृत्ति
चिलकहर (बलिया)। क्षेत्र पंचायत चिलकहर के ग्राम गोपालपुर स्थित अस्थाई पशु आश्रय केन्द्र से पशुओं की चोरी की खबर का विभिन्न समाचार पत्रों में छपे समाचार का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी के आदेश के क्रम में डिप्टी कमिश्नर मनरेगा बलिया के नेतृत्व में गठित जांच टीम आश्रय केन्द्र प्रशासन से दुरभि- स़धि कर गांव में से कुछ पशुओं को ला कर, तो कुछ सत्य को छिपा गलत रिपोर्ट दे मामले को निक्षेपित करने का किया गया। यदि अधिकारी वर्ग मामले को रफा- दफा करने प्रयास से विरत रह मुख्यमंत्री के मानसानुरूप पशुओं के स़ंरक्षा के प्रति संवेदनशील होते तो पशु तस्करों का मनोबल नहीं बढ़ता और एक साथ इतने पशुओं की चोरी नहीं होती।
ज्ञातव्य हो कि कुछ दिनों से पशु आश्रय केन्द्र से लगातार पशुओं की चोरी की घटनाएं हो रही थी जिसकी शिकायत को नजर अंदाज कर पशुधन विकास अधिकारी चिलकहर द्वारा मामले पर पर्दा डालने का असफल प्रयास किया जा रहा था। जिससे पशु तस्करों का मनोबल बढ गया है! उसी का प्रतिफल है एक रात में ही सोलह सत्रह पशुओं का चोरी हो जाना! देखे! अधिकारी वर्ग एवं जिला प्रशासन इस बार भी मामले को रफा-दफा कराते हैं या चोरी पशु तस्करी के घटना का सच उजागर कराते है।
जिला प्रशासन को इसका संज्ञान ले मामला पंजीकृत करा पशु तस्करों के धंधे का पर्दाफाश करना चाहिए। ताकि निराश्रित पशुओं की हत्या पर रोक लग सके।
रिपोर्ट: गोपी नाथ चौबे
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