प्रशासन की घोर लापरवाही: मार्च 2021 में सेवानिवृत्त शिक्षक ओमप्रकाश सिंह बगैर जीपीएफ व पेंशन पाए ही मर गए
बलिया। जनपद बलिया में सेवानिवृत्त शिक्षकों को जीपीएफ का भुगतान एवं पेंशन विगत कई वर्षों से प्रदान नहीं किया जा रहा है। इस महत्वपूर्ण समस्या की तरफ ध्यान आकर्षित करते हुए सुधांशु शेखर त्रिपाठी, शिक्षक नेता वाराणसी खंड द्वारा शिक्षा निदेशक माध्यमिक को पत्र लिखा गया जिसकी प्रतिलिपि शासन को, वित्त नियंत्रक, संयुक्त शिक्षा निदेशक आजमगढ़ तथा जिला विद्यालय निरीक्षक बलिया को ईमेल भेजकर समस्या का अविलंब निराकरण की मांग की गई है।
श्री त्रिपाठी ने बताया कि नरहेजी इं कालेज नरही बलिया के शिक्षक श्री ओमप्रकाश सिंह मार्च 2021 में सेवानिवृत्त हुए उन्हें आज तक जीपीएफ का फंड एवं पेंशन प्राप्त नहीं हुआ। दुर्भाग्य से श्री ओमप्रकाश सिंह जी का ही देहावसान हो गया। इसी प्रकार उसी विद्यालय से मार्च 2022 में श्री हृदय नारायण सिंह, श्री विभिचंद प्रसाद, श्री हरेन्द्र नाथ सिंह जी सेवानिवृत्त हुए उन्हें भी अब तक जीपीएफ फंड का भुगतान एवं पेंशन नहीं मिला है। इसी प्रकार जनपद में मार्च 2024 को कुल 38 शिक्षक सेवानिवृत हुए हैं जिनमें से अब तक मात्र 16 सेवानिवृत शिक्षकों का ही केवल जीपीएफ की पत्रावली जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा संयुक्त शिक्षा निदेशक आजमगढ़ को भेजा गया है। जबकि जीपीएफ का अंतिम भुगतान एवं पेंशन शासन की प्राथमिकता में है।
श्री त्रिपाठी ने बताया कि उपरोक्त सेवानिवृत्ति शिक्षकों के वेतन से नियमानुसार जीपीएफ की कटौती की गई है जिसका भुगतान पाना उनका मौलिक अधिकार है। नियमानुसार शिक्षकों के सेवानिवृत्ति के समय तक सभी को जीपीएफ का अंतिम भुगतान कर दिया जाना चाहिए था परंतु बलिया का सेवानिवृत्त शिक्षक तीन साल बाद भी जीपीएफ के लिए दर दर भटक रहा है पेंशन तो अभी बहुत दूर की बात है। जबकि शासन द्वारा जीपीएफ भुगतान एवं पेंशन प्रदान करना सर्वोच्च प्राथमिकता में निर्धारित किया गया है। जिला विद्यालय निरीक्षक बलिया एवं संयुक्त शिक्षा निदेशक आजमगढ़ महोदय इस कार्य के प्रति उदासीन व निष्क्रिय दिखाई पड़ रहे हैं।
श्री त्रिपाठी ने निदेशक से मांग किया है कि जनपद बलिया के जिला विद्यालय निरीक्षक महोदय को एवं संयुक्त शिक्षा निदेशक आजमगढ़ महोदय को जनपद के अब तक समस्त सेवानिवृत्त शिक्षकों के जीपीएफ का भुगतान अविलंब करने एवं पेंशन पत्रावलियों का अतिशीघ्र निस्तारण करने का आदेश दिया जाए अन्यथा की स्थिति में शिक्षक धरना प्रदर्शन उपवास सत्याग्रह आदि करने हेतु बाध्य होंगे।
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