Saturday, November 18, 2023

सरल एवं मृदुल स्वभाव के डॉ लहरी ने विभिन्न क्षेत्रों में छोड़ी अपनी छाप


मनाई गई डॉ अवध बिहारी तिवारी 'लहरी' की 85वीं जयंती
बलिया। स्थानीय चंद्रशेखर नगर स्थित शक्ति स्थल स्कूल पर विद्यालय के संस्थापक डॉक्टर अवध बिहारी तिवारी 'लहरी' जी की 85वीं जयंती विद्यालय परिसर में मनाई गई। आगंतुकों ने डॉक्टर लहरी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की।
विद्यालय के प्रबंधक दुर्गादत्त त्रिपाठी ने डॉक्टर लहरी को बहुमुखी प्रतिभा के धनी बताते हुए, उनके कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि डॉक्टर लहरी चिकित्सा क्षेत्र में सेवारत रहने के साथ ही साहित्य, अध्यात्म एवं कविता के क्षेत्र में काफी ख्याति अर्जित की। इन्होंने एकादश एकांकी, गीत लहरी, गीत गहरी, गायत्री साधना एवं मां भगवती आदि पुस्तकों की रचना भी की। डॉक्टर लहरी गौ, गंगा, गायत्री, गीता के पोषक थे। सहज, सरल एवं मृदुल स्वभाव के डॉक्टर लहरी विभिन्न क्षेत्रों में अपनी छाप छोड़ी। विद्यालय के प्रधानाचार्य आशुतोष त्रिपाठी ने कहा कि डॉक्टर लहरी सामाजिक कार्यों में भाग लेने वाले अग्रणी व्यक्तित्वों में से एक थे। उनका व्यक्तित्व ऐसा था कि कोई भी व्यक्ति चाहे वह बड़ा हो या छोटा उन्हें अपना नजदीकी ही समझता था, उसे यह आभास ही नहीं होता था कि यह व्यक्ति हमसे कम और बड़े लोगों से अधिक स्नेह करता है, वह हर परिस्थितियों में समान रहने वाले व्यक्ति थे और उनका सब के साथ समान व्यवहार भी था। इस प्रकार समाज में रहने वाले व्यक्तियों में डॉक्टर लहरी का व्यक्तित्व अनोखा था। 

उक्त अवसर पर अंबिका त्रिपाठी, अतुल पाण्डेय, ओम प्रकाश त्रिपाठी, श्रीमती दुर्गा उपाध्याय, नीलू श्रीवास्तव, सोनी पाण्डेय, हरिवंश प्रसाद, संतोष ठाकुर, नीरज वर्मा, कुमारी पूजा, सोनी चौबे आदि उपस्थित रहें।

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