चंद्रशेखर विवि के कुलपति से मिले विरेंद्र सिंह धूरान लोक सांस्कृतिक सेवा संस्थान के पदाधिकारीगण
बलिया। विरेंद्र सिंह धूरान लोक सांस्कृतिक सेवा संस्थान के सचिव अनुज कुमार सिंह व सदस्य विनायक शरण सिंह ने जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के कुलपति से शुक्रवार शाम को भेट कर 'धुरान' जी के व्यक्तित्व व कृतित्व को विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में शामिल करने व उनपर शोध कराने के कार्य को आगे बढ़ाने की मांग रखी।
इस दौरान कुलपति ने कहा कि नई शिक्षा नीति में शिक्षा के हर स्तर पर स्थानीय व लोक परम्परा से जुड़े ज्ञान, संस्कृति, कला व व्यक्ति को विशेष महत्व दिया गया है। यह विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात है की जिस गांव की मिट्टी में हमारा विश्वविद्यालय स्थापित है उसी बसंतपुर गांव की मिट्टी में एक ऐसा ख्याति प्राप्त लोक -कलाकार पैदा हुए जिन्हे भोजपुरी नरदीय गायन, चैता गायन में महारथ हासिल था। उनकी समृद्ध परम्परा को आगे बढ़ाने व स्वo धुरान जी की बिखरी पड़ी रचनाओं को एकत्रित करने का काम किया जायेगा।
धुरान जी से जुड़ी रचनाओं को एकत्रित कर विवि को सौंपे जाने की बनाई गई योजना
इससे पहले संस्था के सदस्यों व लोक कलाकारों की एक बैठक 'धुरान' जी के पैतृक घर पर हुई। जहां उपस्थित लोगों ने धुरान जी से जुड़ी रचनाओं और गीतों को एकत्रित कर विश्वविद्यालय को सौंपे जाने की योजना बनाई गई। बैठक को संबोधित करते हुवे गायक तारकेश्वर ठाकुर ने कहा कि 'धुरान' जी जैसा भोजपुरी का गायक विरले ही पैदा होते हैं। उनका गाया शिव विवाह अनुपम है। धुरान जी ने देश भक्ति, धार्मिक, निर्गुण, सामाजिक व लोक गायन से जुड़े सभी प्रकार के गीतों की रचना कर अपनी गायकी से भोजपुरी को समृद्ध किया। आज जरूरत है कि सरकार व समाज की ओर से इस महान लोक कलाकार को उचित स्थान व सम्मान मिले।
बैठक में निर्भय सिंह, सुभाष राम, वृजमोहन प्रसाद अनाड़ी, मनोज चौबे, हरेराम तिवारी, आशीष सिंह, मुक्तेश्वर दूबे, मनोज सिंह, प्रदीप सिंह आदि लोग उपस्थित थे।
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