Thursday, March 30, 2023

रामनवमी पर आरएसएस द्वारा निकाला गया विशाल पथ संचलन

 
       
घोष की धुन पर कदमताल करते हुए चले सैकडो स्वयं सेवक
बलिया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, हनुमानगंज खण्ड के द्वारा रामनवमी पर खण्ड मे संघ का विशाल पथ संचलन निकाला गया। जिसमें बड़ी संख्या में पूर्ण गणवेश धारी स्वयंसेवकों ने भाग लिया। 
अपरान्ह तीन बजे हनुमानगंज खण्ड के पुरानी बाजार स्थित मैदान में संघ के सभी स्वयंसेवकों का एकत्रीकरण हुआ। सर्वप्रथम मुख्य अतिथि व मुख्य वक्ता सह विभाग कार्यवाह संजय शुक्ल, कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे बलिया जिले के प्रतिष्ठित स्वर्ण व्यवसायी प्रमोद सर्राफ, विभाग प्रचारक तुलसीराम, जिला कार्यवाह हरनाम सिंह, द्वारा भगवान श्रीराम, भारत माता , परम पूज्य डॉ. केशवराव बलिराम हेडगेवार व परम पूज्य माधवराव सदाशिव राव गोवलकर उपाख्य श्रीगुरुजी के चित्र पर पुष्पार्चन एवं दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
इस अवसर पर स्वयंसेवकों को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि संजय शुक्ल जी ने कहा कि हम सब गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी भारतीय नववर्ष से लेकर नवमी तक विभिन्न कार्यक्रम कर रहें हैं। आप सभी को भारतीय नववर्ष व रामनवमी की हार्दिक शुभकामना। भारत राष्ट्र का अस्तित्व सृष्टि के प्रारम्भ के साथ ही जुड़ा हुआ है। वर्ष प्रतिपदा के दिन ही ब्रह्मा जी ने सृष्टि का निर्माण किया था। वर्ष प्रतिपदा के दिन ही स्वामी दयानंद सरस्वती जी की जयंती होती है। भगवान राम के राज्याभिषेक भी वर्ष प्रतिपदा के दिन ही हुआ था। सिंधी समाज के अग्रज झूलेलाल की जयंती वर्ष प्रतिपदा के दिन ही है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा अर्थात  वर्ष प्रतिपदा से विक्रमी संवत की भी शुरुवात हुई थी।
संघ के लिए चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है कि इसी दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना करने वाले परम पूज्य डॉ. केशवराव बलिराम हेडगेवार जी का भी जन्म हुआ था। उन्होंने आगे बताया कि डॉक्टर हेडगेवार जन्मजात देशभक्त थे। स्कूली जीवन में ही छत्रपति शिवाजी महाराज की जीवनी पढ़कर बालक हेडगेवार के मन में ब्रिटिश शासन के खिलाफ विचारों के बीज पड़ गये थे। नागपुर के सीताबर्डी किले पर ब्रिटिश शासन का प्रतीक 'यूनियन जैक' फहरता देख बालक हेडगेवार और उसके दोस्तों की आत्मसम्मान आहत होता था। हेडगेवार और उनके दोस्तों ने सोचा कि अगर यूनियन जैक को हटाकर वहां भगवा ध्वज फहरा दिया जाए तो किला फतह हो जाएगा। सभी बच्चों ने अपनी मंशा को अंजाम देने के लिए योजना बनानी शुरू कर दी। किले पर हर दम पहरा रहता था इसलिए उन सबने तय किया कि वो पाठशाला से किले तक एक सुरंग बनायी जाएगी और उसके रास्ते अंदर घुसकर ब्रिटिश झंडा हटा दिया जाएगा।

उन्होंने आगे बताया कि डॉ. हेडगेवार क्रांतिकारी प्रवृति के थे और उन्हें अंग्रेज शासको से घृणा थी। अभी विद्यालय में ही पढ़ते थे कि अंग्रेज इंस्पेक्टर के स्कूल में निरिक्षण के लिए आने पर केशव राव ने अपने कुछ सहपाठियों के साथ उनका 'वन्दे मातरम' जयघोष से स्वागत किया जिस पर वह बिफर गया और उसके आदेश पर केशव राव को स्कूल से निकाल दिया गया। 1910 में जब डॉक्टरी की पढाई के लिए कोलकाता गये तो उस समय वहा देश की नामी क्रांतिकारी संस्था अनुशीलन समिति से जुड़ गए।

उन्होंने रामनवमी के विषय में बताया कि रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। नवरात्रि का समापन राम नवमी के साथ होता है। उन्होंने आगे बताया कि रावण के अत्याचारों को समाप्त कर, भक्तों के दुख दूर करने के लिए व धर्म की स्थापना हेतु माता कौशल्या के गर्भ से राजा दशरथ के घर भगवान श्रीराम त्रेता युग में इसी दिन पैदा हुए थे। वासंतिक नवरात्र के नौवें दिन उनका जन्म हुआ था। भगवान राम के जन्म की इस तिथि का उल्लेख रामायण और रामचरित मानस जैसे तमाम धर्मग्रंथों में किया गया है। श्रीराम स्वयं भगवान विष्णु का सातवां अवतार थे।

उन्होंने आगे बताया कि हम सभी को संगठित रहकर राष्ट्र एवं समाज की सेवा करना है। बिना संगठन के हमारा कोई अस्तित्व नहीं है। हम सबको संगठित रहकर समाज एवं राष्ट्र विरोधी अराजक तत्वों का डटकर मुकाबला करना होगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ही समाज में परिवर्तन ला सकता है। संघ के स्वयंसेवकों को अनुशासित रहकर सामाजिक सरोकार में शामिल होना चाहिए। 1925 में कुछ स्वयंसेवकों के साथ लगाया गया यह संघ रूपी नन्हा सा बीज आज देश-प्रदेश के शहरी अंचलों से लगाकर दूर-दूर के ग्रामीण अंचलों तक तथा विदेशों में भी संघ के स्वयंसेवको का संगठन विशाल वटवृक्ष के रूप में हिंदू समाज में अपनी गहरी जड़े जमा चुका है। 

इस अवसर पर ओजस्वी गीत, अमृत वचन, के साथ ही संघ प्रार्थना के पश्चात हनुमानगंज पुरानी बाजार से घोष की धुन पर कदमताल करते हुए सैकडो स्वयं सेवको का पथ संचलन शुरू हुआ। पथ संचलन खण्ड के सभी प्रमुख मार्गो से कतार बद्ध, पूर्ण गणवेश एवं अनुशासन के साथ निकाला गया।

पथ संचलन हनुमानगंज पुरानी बाजार से ब्रह्माइन गांव, मां ब्राह्मणी मंदिर मार्ग, सिकंदरपुर बलिया मुख्य मार्ग होते हुए चटकी टोला शिव मंदिर से पुन: अपने निर्धारित समापन स्थल पर पहुंचकर सम्पन्न हुआ। इस दौरान खण्ड में विभिन्न चौराहो व मार्गो पर नगरवासियो ने पुष्प वर्षा से स्वयं सेवकों का स्वागत किया। कार्यक्रम के मुख्य शिक्षक चन्द्रशेखर जी थे तथा संचालन सत्यप्रकाश ओझा ने किया। पूरे संचलन के दौरान एहतियात के तौर पर सुखपुरा थानाध्यक्ष केशव द्विवेदी व हनुमानगंज चौकी प्रभारी जयप्रकाश अपनी टीम के साथ पूरी मुस्तैदी के साथ मौजूद रहे।

इस अवसर पर विभाग प्रचारक तुलसीराम, जिला कार्यवाह हरनाम, जिला सेवा प्रमुख डॉ. सन्तोष तिवारी, खण्ड कार्यवाह  संजेश तिवारी, गोविंद सिंह, खण्ड, जिला, विभाग कार्यकारिणी के कार्यकर्ता  के साथ सैकड़ों स्वयंसेवक  व गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
उपरोक्त जानकारी जिला प्रचार प्रमुख मारुति नन्दन द्वारा दी गयी।

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