रेल संरक्षा आयुक्त उत्तर पूर्वी सर्किल द्वारा दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण कार्य पूर्ण होने के उपरांत किया गया निरीक्षण
बलिया। परिचालन की सुगमता एवं मूलभूत ढाँचे में विस्तार के क्रम में पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल के इंदारा -फेफना दोहरीकरण परियोजना के अंतर्गत फेफना-रसड़ा (22.41किमी) रेल खण्ड का दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण कार्य पूर्ण होने के उपरांत मोहम्मद लतीफ खान, रेल संरक्षा आयुक्त उत्तर पूर्वी सर्किल द्वारा आज 19 अक्टूबर को इस विद्युतीकरण सहित नवनिर्मित दोहरी लाइन का निरीक्षण किया।
इस अवसर पर रेल संरक्षा आयुक्त के साथ मुख्य प्रशासनिक अधिकारी/निर्माण श्री राजीव कुमार, मंडल रेल प्रबंधक/वाराणसी श्री रामाश्रय पाण्डेय,मुख्य परियोजना प्रबंधक रेल विकास निगम लिमिटेड श्री विकास चन्द्रा,अपर मंडल रेल प्रबंधक श्री राहुल श्रीवास्तव, मुख्य इंजीनियर/निर्माण श्री अखिलेश त्रिपाठी,मुख्य विद्युत जनरल इंजीनियर श्री ओ पी सिंह, मुख्य सिगनल इंजीनियर श्री पी के राय,उप मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त श्री बलबीर यादव,वरिष्ठ मंडल विद्युत इंजीनियर(कर्षण) श्री आर एन सिंह,वरिष्ठ मंडल सिगनल एवं दूरसंचार इंजीनियर श्री रजत प्रिय,वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबन्धक(सामान्य) श्री ए के सक्सेना, वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी श्री आशुतोष शुक्ला, वरिष्ठ मंडल विद्युत इंजीनियर (सामान्य) श्री पंकज केशरवानी, मंडल इंजीनियर सामान्य पीपी कुजूर समेत मुख्यालय गोरखपुर, वाराणसी मंडल एवं निर्माण संगठन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
रेल संरक्षा आयुक्त मोहम्मद लतीफ खान ने सबसे पहले निरीक्षण स्पेशल ट्रेन से फेफना रेलवे स्टेशन पहुँचे और रेलवे स्टेशन पर संस्थापित नए उपकरणों का गहन निरीक्षण किया इसके साथ ही दोहरीकरण के मानक के अनुरूप यार्ड प्लान, इंटरलॉकिंग, स्टेशन वर्किंग रूल, स्टेशन पैनल, पावर डिस्ट्रीब्यूशन, प्लेटफार्म क्लीयरेंस, पॉइंट संख्या 217A क्रासिंग, पॉइंट्स का गेज परीक्षण, सिगनल दृश्यता, एल डब्लू आर संख्या-1 के स्विच एक्सटेंसन जॉइंट्स, ट्रैक सर्किट एवं अर्थिंग, ओवर हेड ट्रैक्शन, सिगनल ओवर लैप, फाउलिंग मार्क, सैंड हम्प, यार्ड के समपार फाटक आदि की संरक्षा परखी।
तदुपरांत रेल संरक्षा आयुक्त मोटर ट्रॉली से फेफना-रसड़ा रेल खण्ड पर किमी सं 6/6-7 पर स्थित समपार फाटक सं 3 का संरक्षा निरीक्षण किया और गेट मैन से विधुतीकृत सह दोहरीकृत रेल खण्ड में अपनाये जाने वाले संरक्षा ज्ञान को परखा।
इसी क्रम में ट्राली निरीक्षण करते हुए वे आगे बढ़े और किमी सं 7/5-6 पर स्थित माइनर ब्रिज संख्या 4 पर निर्मित पुलिया एवं उसके फाउन्डेशन का गहन निरीक्षण किया। निरीक्षण के क्रम में उन्होंने किमी सं 8/370 से 9/098 तक कर्वेचर सं 02 के इंडेन्ट पर रेल अभिकेन्द्रीय त्वरण और ओवर हेड ट्रैक्शन का मापन करते हुए किमी संख्या-10/2-3 पर स्थित समपार फटक संख्या 05 का संरक्षा निरीक्षण किया,बूम लाकिंग का परीक्षण कर चेतावनी बोर्ड,गेट सिगनल एवं हाईट गेजों के संस्थापन के मानकों का परीक्षण किया। इसके पश्चात वे चिलकहर यार्ड पहुँचे और पॉइंट संख्या-102 A की पॉइंट क्रासिंग व् गेज परीक्षण करने के बाद एल डब्लू आर संख्या 02 के स्विच एक्स्टेंशन जॉइंट का निरीक्षण किया। तदुपरान्त उन्होंने चिलकहर स्टेशन का दोहरीकरण सह विद्युतीकरण के अनुरूप स्थापित विभिन्न उपकरणों का निरीक्षण कर संरक्षा के सभी मानदंडो को परखा।
इसके पश्चात रेल संरक्षा आयुक्त किमी संख्या-11/1-2 पर स्थित समपार फटक संख्या-06 पर पहुँचे उन्होंने बूम को गिराकर और उठाकर तथा बूम तथा ट्रैक की चौड़ाई, गेट मैन के टूल्स आदि का निरीक्षण कर संरक्षा परखी और पॉइंट सं-101A की पॉइंट क्रासिंग एवं LWR-3 के स्विच एक्स्टेंशन जॉइंट का परीक्षण किया । इसके उपरांत रेल संरक्षा आयुक्त किमी सं 13/5-6 पर स्थित मेजर ब्रिज सं 9 पर दोहरीकृत लाइन हेतु निर्मित ब्रिज की जाँच की तथा इसके बाद उन्होंने फेफना छोर के रिवर्स कर्व 2A-2B एवं इंदरा छोर के रिवर्स कर्व सं-2C-2D का संरक्षा निरीक्षण किया। इसके पश्चात रेल संरक्षा आयुक्त किमी सं-21/2-3 पर स्थित समपार फटक सं-14 पर पहुँचे और संरक्षा मानकों का परीक्षण किया इसके उपरांत उन्होंने पॉइंट सं-204B एवं LWR-5 के स्विच एक्स्टेंशन जॉइंट का संरक्षा निरीक्षण करते हुए रसड़ा रेलवे स्टेशन पर पहुँचे और स्टेशन का दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण के मानकों के अनुसार संरक्षा का निरीक्षण किया।
अपने निरीक्षण के दौरान सी आर एस ने फेफना से रसड़ा ब्लॉक खण्ड पर लाइन फिटिंग्स पर ओवर हेड ट्रैक्शन लाइन की ऊँचाई , मानक के अनुरूप क्रॉसओवर लाइन विद्युत कर्षण लाइन फिटिंग्स, ओवर हेड ट्रैक्शन लाइन की नई लाइन से मानक ऊँचाई, कर्वेचर एवं पुल-पुलियाओं का संरक्षा निरीक्षण किया एवं दोहरीकरण के अनुरूप समपार फाटकों बूम लॉक व हाइट गेजों के संस्थापन सुनिश्चित किया।
इन लाइनों के दोहरीकरण से वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध कराकर भीड़भाड़ वाले उत्तर मध्य रेलवे मार्ग पर दबाव कम होगा। फेफना-मऊ-शाहगंज खंड के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी प्रदान करता है। इस प्रकार इस खंड के दोहरीकरण से वाराणसी मंडल पर यात्री यातयात में आवश्यक राहत मिलेगी । दोहरीकरण के बाद इस खण्ड पर अधिक संख्या में माल/यात्री ट्रेनें चलाई जा सकती हैं। इससे इस रेल खण्ड से जुड़े स्थानों की जनता की आर्थिक समृद्धि होगी और क्षेत्रों का विकास भी होगा।
निरीक्षण के अंत में रेल संरक्षा आयुक्त ने सी आर एस स्पेशल ट्रेन से रसड़ा से फेफना तक 120 किमी की अधिकतम गति से स्पीड ट्रॉयल सम्पन्न किया।
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