जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र विभाग द्वारा राष्ट्रीय वेबिनार का हुआ आयोजन
बलिया। जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय में मंगलवार को एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। जिसका विषय 'सामाजिक रुपान्तरण और समाजशास्त्र' पर महत्वपूर्ण चर्चा की गयी। कार्यक्रम के प्रारंभ में निर्देशक शैक्षणिक पुष्पा मिश्रा ने सभी का स्वागत किया।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग के प्रोफेसर अजीत कुमार पाण्डेय ने समाज शास्त्र की विकास यात्रा का वर्णन किया जिसमें उन्होंने ज्ञान के उद्गम, प्रविधि तथा विभिन्न समाज शास्त्र के सिद्धान्तों के विकास के कारणों पर प्रकाश डाला। साथ ही भारत में समाज शास्त्रीय चिन्तन की प्रवृत्ति को बताते हुये भारतीय समाज शास्त्रीय घुरिय, टी-एन, मदन, आर के मुखर्जी, डी पी० मुखर्जी, ए. के सरन आदि के योगदान और इनके समाज शास्त्रीय परिप्रेक्ष्य को विभिन्न सन्दर्भों के साथ प्रस्तुत किया।
लखनऊ विश्वविद्यालय समाज शास्त्र विभाग के प्रोफेसर राजेश कुमार मिश्रा ने समाजशास्त्रीय सिद्धान्तों के विकास और उसके साथ होने वाले सामाजिक रूपान्तरणों को समझाने का प्रयत्न किया। प्रो मिश्रा ने कहा कि ज्ञान का विश्लेषण वर्तमान समाज के सन्दर्भ में होना चाहिये। साथ ही बताया कि समाज शास्त्रीय सिद्धान्त का विकास चार चरणों में देखा जा सकता है। पांचवा चरण वर्तमान समाज है जिसमें प्रत्येक संस्था, व्यक्ति व समाज का निजीकरण हो रहा तथा कोरोना महामारी का वर्तमान दौर सामाजिक रूपान्तरण की नयी परिभाषा की तरफ इशारा कर रहा है और एक नये सिद्धान्त की आवश्यकता की तरफ हमें प्रेरित भी कर रहा है।
डा० निधि मिश्रा, डा स्वाती एस. मिश्रा समाजशास्त्र विभाग, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय ने क्रमश: प्रथम व द्वितीय सत्र को संचालित किया। डा० रानू परिहार ने धन्यवाद ज्ञाषित किया। अन्त में डा० प्रियंका एसोसिएट प्रोफेसर समाजशास्त्र विभाग तथा वेबिनार को संयोजिका सभी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुये बेबिनार के समापन की घोषणा की। इस अवसर पर छात्र सहित अन्य बुद्धजीवी लोग शामिल रहे।
रिपोर्ट: विनय कुमार
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