Sunday, April 10, 2022

हनुमानगंज खंड के स्वयंसेवकों द्वारा पूर्ण गणवेश में किया गया पथ संचलन

समाज के लोगों व मातृशक्तियों द्वारा जगह जगह स्वयंसेववकों पर किया गया पुष्प वर्षा
बलिया। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को पड़ने वाले रामनवमी के दिन अर्थात आज रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हनुमानगंज खंड के स्वयंसेवकों द्वारा पूर्ण गणवेश में घोष दल के साथ पथ संचलन का आयोजन किया गया। जो हनुमानगंज पुरानी बाजार से निकलकर ब्रह्माणी माता मंदिर, सिकंदरपुर बलिया मार्ग होते हुए नई बाजार स्थित शिव मंदिर होते हुए पुनः पुरानी बाजार स्थित मैदान में पहुंची। जहां मुख्य अतिथि  नागाजी सरस्वती विद्या मंदिर जिराबस्ती के प्रधानाचार्य गोविंद जी, जिला संघचालक भृगु जी, डॉ विनोद सिंह व कार्यक्रम की अध्यक्षता कर संजेश जी द्वारा भगवान राम, मां दुर्गा, भारत माता, परम पूज्य डॉक्टर केशव राव बलिराम हेडगेवार एवं माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर जी के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर और पुष्पार्चन कर कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। संचलन के दौरान जगह जगह स्वयंसेववकों पर समाज के लोगों व मातृशक्तियों द्वारा पुष्व वर्ष किया गया।
इस अवसर पर अपने उदबोधन ने मुख्य अतिथि गोविंद जी ने बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राष्ट्रीय विचारधारा से ओतप्रोत संगठन है। इस संगठन के स्वयंसेवक भारत माता की सेवा का व्रत लेकर कार्य करते हैं। हिंदू विचारधारा सभी को मिलजुल कर रहने का संदेश देती है। उन्होंने आगे बताया कि आज रामनवमी का पर्व है। भगवान राम ईश्वर का अवतार थे और सारी आसुरी शक्तियों से संघर्ष करते हुए उन्होंने उस समय, मूल्यों की और मानव समाज की रक्षा की है। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार इस दिन मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम जी का जन्म हुआ था। त्रेतायुग में रावण के अत्याचारों को समाप्त करने तथा धर्म की पुन: स्थापना के लिये भगवान विष्णु ने मृत्यु लोक में श्री राम के रूप में अवतार लिया था। धर्मशास्त्रों ने उन्हें नारायण न कहकर नर के रूप में स्थापित किया गया है। माँ दुर्गा शक्ति की प्रतीक हैं और प्रभु राम मर्यादा पुरुषोत्तम राम कहे जाते हैं। अतः जहां धर्म, मर्यादा व सत्य होता है वहां शक्ति स्वयं को स्थापित करती है। राम का चरित्र पढ़ते, सुनते हुए हर कार्य मधुर हो सकता है। राम ने सज्जन शक्ति का संकलन किया। श्रीराम का जीवन हमें आलस्य तथा क्रोध, उत्तेजना आदि के अतिरेक से बचने का संदेश देता है। राम ने अपार संकटों में अपना धैर्य बनाते हुए उस समय के आततायी रावण का वध कर धर्म की स्थापना किया। 
उन्होंने बताया कि संघ के संस्थापक डॉ केशवराव बलिराम हेडगेवार जी का जन्म चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन हुआ था। डॉक्टर साहब जन्मजात देशभक्त थे। उन्होंने रानी विक्टोरिया के जन्मदिन पर स्कूल में बांटी जाने वाली मिठाई को कूड़े में फेंक देतें है जिसके कारण उन्हें विद्यालय से निकाल दिया जाता है। आगे वो अनुशीलन समिति के सदस्य के रूप में क्रांतिकारियों की मदद किया। उन्होंने हिंदुओं को संगठित करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की।उन्होंने स्वयं सेवकों को अनुशासन में रहते हुए समाज तथा राष्ट्र के लिए अपना योगदान देने को कहा। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व सैनिक श्री संजेश जी ने हिंदुत्व पर बल देते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति और सभ्यता के उत्थान के लिए युवा आगे आएं। राष्ट्र निर्माण में सभी आहुति दें। उन्होंने कहा कि हिंदुओं को संगठित करने के लिए आरएसएस अहम भूमिका निभा रहा है। राष्ट्र निर्माण के लिए युवा संघ से जुड़े। संघ प्रार्थना के बाद कार्यक्रम का समापन हुआ। मंच पर माननीय जिला संघचालक भृगु जी भी उपस्थित रहे।

उपर्युक्त जानकारी देते हुए जिला प्रचार प्रमुख मारुति नन्दन ने बताया कि अतिथियों का परिचय सत्य प्रकाश ओझा व आभार विभाग शारीरिक शहीक्षण प्रमुख रविन्द्र जी ने किया। अध्यक्षता पूर्व सैनिक संजेश जी द्वारा किया गया। कार्यक्रम के मुख्य शिक्षक चन्द्रशेखर जी थे। प्रार्थना प्रीतम जी ने किया। कार्यक्रम में सह जिला संघचालक डॉ. विनोद सिंह, सह विभाग कार्यवाह  संजय शुक्ल, जिला प्रचारक सत्येन्द्र जी, जिला कार्यवाह हरनाम, सत्यव्रत जी, डॉ सन्तोष तिवारी, नगर प्रचारक सचिन जी,शिव प्रभात शाखा के शाखा कार्यवाह ताराचंद जी, के साथ हजारों की संख्या में सभी संवैचारिक परिवार के स्वयंसेववक बन्धु उपस्थित रहे।

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