Saturday, November 20, 2021

शहीद मंगल पाण्डेय स्मारक स्थल पर हुआ अमृत महोत्सव का भव्य उदघाटन व शुभारंभ

स्वतंत्रता संग्राम के नायको के परिजनों को अंगवस्त्रम द्वारा किया गया सम्मानित
बलिया। स्वाधीनता के अमृत महोत्सव आयोजन समिति बलिया के तत्वावधान में 1857 की क्रांति के अग्रदूत शहीद मंगल पाण्डेय के गाँव नगवां स्थित शहीद मंगल पाण्डेय स्मारक स्थल पर अमृत महोत्सव का भव्य उदघाटन व शुभारंभ किया गया। स्वाधीनता के 75वें वर्षगांठ पर एक महीने तक आयोजित होने वाले महोत्सव का उदघाटन कर देश को स्वतंत्र कराने वाले राष्ट्रनायक वीर शहीदों को नमन किया गया और उनके परिवार के सदस्यों को सम्मानित किया गया।
सर्वप्रथम मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गोरक्ष प्रान्त के प्रान्त प्रचारक सुभाष जी द्वारा भारत माता के चित्र व शहीद मंगल पाण्डेय की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित करने के दीप प्रज्वालित कर राष्ट्रीय ध्वज का धवजारोहण किया गया व राष्ट्रगान के बाद महोत्सव का उदघाटन किया गया। मंच पर प्रान्त प्रचारक के साथ दवनी निवासी अमर शहीद राम सुभग के पौत्र मुन्ना राम जी व स्वतंत्रता सेनानी रामविचर पांडेय जी थे। इस क्रम मे स्वतन्त्रता संग्राम में शहीद हुए शहीद मंगल पाण्डेय जी के चौथी पीढी के रघुनाथ पांडेय, शैलेश पांडेय, शेर बलिया चित्तु पांडेय के प्रपौत्र विनय पांडेय, रामविचार पांडेय, सरदार किशुन सिंह के तृतीय प्रपौत्र सरदार श्रवण सिंह, स्व. रमाशिष सिंह के पुत्र शिवकुमार कौशिकेय, स्व. रामसुभग जी के पौत्र मुन्ना राम, शिव प्रसाद कोईरी के तीसरी पीढि के संजय कुमार मौर्य को प्रान्त प्रचारक द्वारा अंगवस्त्रम द्वारा सम्मान किया गया।
स्वतन्त्रता के अमृत महोत्सव पर चर्चा करते हुए प्रान्त प्रचारक सुभाष जी ने बताया कि अनेक बलिदानों के बाद देश को 15 अगस्त 1947 को स्वाधीनता के साथ सांस लेने का मौका मिला था। देश की स्वाधीनता संग्राम में अपना सबकुछ न्यौछावर करने वालों में बड़ी संख्या में ऐसे बलिदानी भी हैं जो गुमनाम हैं। अमृत महोत्सव ऐसे सभी गुमनाम अमर शहीदों को आमजन के बीच तक लेकर जायेगी। स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव का पर्व बलिदानी देशभक्तों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का अवसर है। जिनके त्याग और बलिदान के कारण आज हम स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में यथोचित स्थान प्राप्त करने की दिशा में बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा ऐसे सभी बलिदानियों और पुण्य आत्माओं को याद करके उन्हें श्रधांजलि देने हेतु प्रत्येक व्यक्तियों को आगे आना चाहिए। साथ ही सभी को इस अवसर पर होने वाले कार्यक्रमों में सहयोग भी करना चाहिए। उन्होंने आगे बताया कि भारत के उत्थान के लिए और विश्व मानवता के उद्धार के लिए हम इस अमृत महोत्सव के शुभ अवसर पर अपने जीवन में कुछ करने और उसकी सफलता प्राप्त करने की अनुभूति प्राप्त करें। इस विचार को लेकर हम स्वतन्त्रता के इस पर्व को उत्साह के साथ मनाएं। साथ ही भारत की स्वतंत्रता के लिए जिन लोगों ने बलिदान दिए हैं, जिनके परिवार नष्ट हो गए, उनके बलिदान को भी हम ना भूलें। उनके प्रति हमारे मन में सदैव कृतज्ञता और धन्यवाद का भाव रहे।

इसी क्रम में उदघाटन समारोह स्थल पर स्वयंसेवक बधुओं के साथ हजारों की संख्या में बलिया की सम्मानित संख्या हाथों में तिरंगा झण्डा लेकर भारत माता की जयघोष करते हुए उपस्थित थी। अंत में भारत माता की आरती व वन्देमातरम गीत के सामूहिक गान के बाद रथ यात्रा को हरी झण्डी दिखाकर रथ यात्रा व अमृत महोत्सव का शुभारम्भ किया गया। ज्ञात हो कि यह अमृत महोत्सव रानी लक्ष्मी बाई की जयन्ती 19 नवम्बर से लेकर 19 दिसम्बर तक चलेगा जिसके तहत संघ की दृष्टि से बलिया जिले के 10 खण्डों में 80 न्याय पंचायतों के 417 गावोँ में भारत माता व  स्थानीय स्तर पर स्वाधीनता संग्राम में शहीद हुए नाम गुमनाम राष्ट्रनायक शहीदों के चित्रों से सुसज्जित रथयात्रा जाएगी तथा उस गाँव के शहीद हुए नायकों को श्रधांजलि देते हुए उनके परिवार के लोगों को सम्मानित किया जायेगा। इस अवसर पर स्वाधीनता के अमृत महोत्सव आयोजन समिति बलिया के तत्वावधान में स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ को स्वाधीनता के अमृत महोत्सव के रूप में मनाने की योजना के तहत 20 नवम्बर को शनिवार को 1857 की क्रांति के अग्रदूत शहीद मंगल पाण्डेय के गाँव नगवां स्थित शहीद  मंगल पाण्डेय स्मारक स्थल पर अमृत महोत्सव का भव्य उदघाटन व शुभारंभ हुआ।

इस अवसर पर विनय जी, सत्येन्द्र, संजय शुक्ल  हरनाम,  अरुण कुमार मणि, के साथ डॉ. रामकृष्ण उपाध्याय,  दिनेश चंद्र सिंह, विधायक सुरेंद्र सिंह, डॉ संतोष तिवारी, अधिवक्ता बन्धु, पत्रकार बंधुओ के साथ स्वाधीनता के अमृत महोत्सव आयोजन समिति के कार्यकर्ता, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व विचार परिवार के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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