Wednesday, August 18, 2021

और बैरिया थाने पर कब्जा हो गया स्वराज सरकार का


बैरिया बलिदान दिवस पर विशेष
बलिया। लूटा दिहल परान जे मिटा दिहल निसान जे, 
चढा के शीश देस के, बना दिहल महान जे।
सुघर डहरि बना गइल, जे कांट- कूंस कोड़ि के।
कराल क्रान्ति ला गइल, ब्रिटेन के हिला गइल बिहंसि के देस के धजा गगन मे जे खिला गइल। 
अमर समर मे सो गइल,कलंक - पंक धो गइल। 
लहू के बूंद-बूंद से विजय के बीज बो गइल।

आजादी की 75 वीं वर्षगाँठ पर देश अमृत महोत्सव मना रहा है। ऐसे में बैरिया के अमर शहीदों को याद करते हुए स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कल्याण परिषद् बलिया के मंत्री शिवकुमार सिंह कौशिकेय ने 1942 की अगस्त क्रांति आन्दोलन के बारे में बताया कि 18 अगस्त 1942 को बैरिया की धरती से फिरंगियों को भगाने और बैरिया थाने पर कब्जा करने के लिये भूपनारायण सिंह, सुदर्शन सिंह, परशुराम सिंह, बलदेव सिंह, मिल्की मठिया के महंथ बाबा लक्ष्मण दास जी के नेतृत्व में जनता की भारी भीड़ जमा थी।
श्री कौशिकेय ने कहा कि बैरिया काण्ड में शामिल रहे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व0 धरीक्षन यादव ने मुझे बताया कि थाने के सामने मंच सजा था, मंच से देशभक्ति गीत गाये जा रहे थे, उस समय कोई लाउण्डस्पीकर तो था नहीं मुँह से ही बुलंद आवाज में श्रीमती धनेश्वरी देवी, श्रीमती तेतरी देवी, श्रीमती राम झरिया देवी सहित इलाके के गवैया गीत गा रहे थे, लगभग पाँच से छः हजार लोग थाने का घेराव कर रहे थे। इस मजमे की सबसे पिछली कतार में बैठे गोन्हिया छपरा गाँव के  देवबसन कोइरी सरीखे युवाओं को यह अहिंसक आंदोलन अच्छा नहीं लग रहा था। अपने साथियों के साथ बात करते हुए, देवबसन कोइरी ने कहा कि- एह गाना गवला से तऽ थाना पर कब्जा ना होई सऽ, थानेदरवा जिला (बलिया) से फोर्स बोलवले बा, एह बेरा भूपनरायन सिंह, सुदर्शन सिंह आ बाबा गाँधी जी वाला भासन से काम ना चली, एतना आदिमी बा एक एक गो ईंटा उठाई तऽ, एह थाना के नाँव निसान ओरा जाई, बाकिर नेता लोग हमनी के बाति ना मानी लोग ? 
इसके बाद इन युवाओं ने गाँधी जी की अहिंसा को छोड़कर "करो या मरो" का रास्ता पकड़ लिया। 18 लोग शहीद हुए, बैरिया थाने पर स्वराज सरकार का कब्जा हो गया।

बैरिया के इस गोलीकांड में नारायणागढ के श्री कौशल कुमार सिंह, गोन्हियाछपरा के श्री देव बसन कोइरी , श्री निर्भय कृष्ण, भगवानपुर के श्री भीम अहीर , टोला गुदरी राय के श्री मैनेजर सिंह, चाँदपुर के श्री राम प्रसाद उपाध्याय ,बैरिया के श्री राम वृक्ष राय,श्री राम नगीना सोनार , मुरारपट्टी के श्री शिवराम तिवारी, बहुआरा के श्री मुक्ति नाथ तिवारी, मिल्की मठिया के श्री विद्यापति गोड़,श्रीपालपुर के श्री विकी राम, शुभनथहीं के श्री धर्मदेव मिश्र, बैरिया के श्री देवकी स्वर्णकार, बिशुनपुरा के श्री नरसिंह राय, श्रीपालपुर के श्री विक्रम सोनार , बैरिया के श्री छट्ठू कमकर, मिल्की तिवारी के श्री रामजन्म गोंड, सोनबरसा के श्री रामदेव कुम्हार बैरिया थाने पर यूनियन जैक उतार कर तिरंगा झण्डा फहराने में शहीद हुए थे।

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