कोरोना ड्यूटी में लगे शिक्षकों को मिलेगा उपार्जित अवकाश का लाभ
जयपुर। राजस्थान राज्य के शिक्षा विभाग से संबद्ध सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों (कक्षा एक से 12वीं तक) में 22 अप्रैल से 6 जून तक ग्रीष्मावकाश की घोषणा कर दी गई है। अगर कोरोना काल पहले भी खत्म हो गया तो भी 6 जून तक बच्चे स्कूल नहीं जाएंगे। शिक्षक अगर ग्रीष्मावकाश के दौरान कोविड ड्यूटी में जाते हैं, तो उन्हें उपार्जित अवकाश (PL) का लाभ दिया जाएगा।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी ने इस आशय का आदेश जारी किया है। यह अवकाश प्रदेश के सरकारी स्कूलों व राजस्थान शिक्षा विभाग से मान्यता प्राप्त स्कूलों के लिए लागू होंगे। CBSE बोर्ड अवकाश के संबंध में अलग से आदेश जारी करेगा। आमतौर पर ग्रीष्मावकाश में सभी शिक्षकों का भी अवकाश होता है। इस बार उन शिक्षकों को अवकाश नहीं दिया गया है, जिनकी ड्यूटी कोरोना के खिलाफ चल रहे युद्ध में लगी हुई है। ऐसे शिक्षकों को ग्रीष्मावकाश में छुट्टी लेने के लिए संबंधित जिला कलेक्टर या उपखंड अधिकारी से अनुमति लेनी होगी। जिन शिक्षकों की कोविड में कहीं भी ड्यूटी नहीं है, उन शिक्षकों को ग्रीष्मावकाश मिलेगा। जो शिक्षक ड्यूटी कर रहे हैं, उन्हें राजस्थान सेवा नियम के तहत उपखंड अधिकारी या जिला कलेक्टर के सत्यापन पर उपार्जित अवकाश का लाभ मिलेगा। इतना ही नहीं, स्कूल हेडमास्टर या प्रिंसिपल भी शिक्षकों को स्कूल में प्रवेश, परीक्षा सहित अन्य कार्यों के लिए स्कूल बुला सकते हैं। ऐसे शिक्षकों को भी उपार्जित अवकाश का लाभ दिया जाएगा। इस दौरान ऐसे शिक्षकों को ही स्कूल बुलाया जाएगा, जिनकी कोविड में ड्यृटी नहीं लगी है।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में करीब एक करोड़ बच्चों को पहले ही शिक्षा विभाग प्रमोट कर चुका है। ऐसे में स्कूलों में अब ग्रीष्मावकाश होने से शिक्षण संबंधित सभी गतिविधियां फिलहाल बंद रहेंगी। निजी स्कूल में भी अवकाश घोषित हो गए हैं। बड़ी संख्या में स्कूलों में ऑनलाइन एजुकेशन के तहत पढ़ाई शुरू हो गई है। ऑनलाइन एजुकेशन हो सकेगा या नहीं, इस बारे में विभाग की ओर से कोई स्पष्ट निर्देश नहीं दिए गए हैं।
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