राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन महिला कर्मियों के शोषण के विरुद्ध अभियान का बलिया में हुआ आगाज़
बलिया। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन महिला कर्मियों के शोषण के विरुद्ध "सम्मान पत्राचार अभियान" का ऐतिहासिक शुभारंभ 5 अप्रैल दिन शनिवार को हुआ। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि – माननीय श्रीमती केतकी सिंह, विधायक, बांसडीह तथा मुख्य वक्ता – योगेश उपाध्याय, प्रदेश महामंत्री, संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश रहे। जिला अध्यक्ष डा अनूप सिंह जी द्वारा कार्यक्रम में आए सभी अतिथियों एवं कार्यकर्ताओं का स्वागत किया गया।
इस मौके पर श्रीमती ज्योतिर्मा राय प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य ने कहा कि नवरात्रि के पावन अवसर पर 05 अप्रैल 2025 को बलिया जनपद के बांसडीह विधानसभा क्षेत्र में महिला संविदा स्वास्थ्य कर्मियों के अधिकारों, सम्मान एवं सशक्तिकरण हेतु “सम्मान पत्राचार अभियान” का ऐतिहासिक शुभारंभ किया गया। इस अभियान का आयोजन संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश द्वारा किया गया, जिसका उद्देश्य प्रदेश की लगभग एक लाख संविदा कर्मियों — जिनमें 70% महिलाएँ हैं — की पीड़ा, उपेक्षा और उपहास को आवाज देना है।
कार्यक्रम की गरिमा एवं उद्देश्य:
मुख्य अतिथि माननीय विधायक श्रीमती केतकी सिंह जी ने अपने संवेदनशील संबोधन में स्पष्ट शब्दों में कहा कि "उत्तर प्रदेश सरकार महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक सशक्तिकरण हेतु संकल्पबद्ध है। एनएचएम महिला कर्मियों की पीड़ा को मैं व्यक्तिगत रूप से माननीय मुख्यमंत्री जी के समक्ष रखूंगी और हरसंभव प्रयास करूँगी कि उन्हें न्याय मिले।"
मुख्य वक्ता योगेश उपाध्याय जी ने तथ्यों के साथ बताया कि वर्ष 2005 से संचालित राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत आज प्रदेश के कोने-कोने में एक लाख संविदा कर्मी कार्य कर रहे हैं, जिनमें से अधिकतर महिलाएं हैं। उन्होंने कहा कि "यह महिलाएं केवल स्वास्थ्य सेवाएं नहीं दे रहीं, बल्कि प्रदेश के जनजीवन की रीढ़ बन चुकी हैं। कोविड हो या जापानी इंसेफेलाइटिस, मिशन इंद्रधनुष हो या मातृ-शिशु सुरक्षा—हर मोर्चे पर इन महिलाओं ने खुद को साबित किया है। फिर भी, उनके साथ शोषण, असमान वेतन और स्थानांतरण जैसी मूलभूत नीतियों का अभाव एक गंभीर अन्याय है।"
अन्य राज्यों से तुलना और यूपी की विफलता:
प्रदेश महामंत्री ने बिहार, हरियाणा, मध्यप्रदेश जैसे राज्यों का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां की सरकारें NHM कर्मचारियों को राज्य बजट से वेतन, सामाजिक सुरक्षा, स्थानांतरण नीति, CCL जैसी सुविधाएं दे रही हैं। वहीं उत्तर प्रदेश में, भारत सरकार के पत्र (13 जून 2016) के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद कोई ठोस नीति आज तक लागू नहीं की गई। यह न केवल नीतिगत विफलता है, बल्कि महिलाओं के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन भी है।
महिला शक्ति का संकल्प–15 अप्रैल तक चलेगा अभियान:
श्रीमती ज्योतिर्मा राय ने बताया कि यह अभियान प्रदेशभर में 15 अप्रैल तक चलेगा, जिसके अंतर्गत प्रत्येक जनपद में महिला कर्मचारी स्थानीय महिला जनप्रतिनिधियों के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपेंगी। यह अभियान “नारी के हाथों से नारी के सम्मान के लिए” की अवधारणा पर आधारित है।
प्रमुख मांगें:
*वेतन विसंगति दूर कर राज्य वेतन नीति लागू की जाए।
*महिला कर्मियों को चाइल्ड केयर लीव (CCL) का लाभ दिया जाए।
*स्थानांतरण नीति लागू कर महिलाओं को विवाह पश्चात गृह जनपद में कार्य का अधिकार दिया जाए।
*महंगाई के अनुरूप वार्षिक वेतन वृद्धि सुनिश्चित की जाए।
*सभी संविदा कर्मियों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में शामिल किया जाए।
इस ऐतिहासिक अभियान के शुभारंभ कार्यक्रम में संगठन के शीर्ष पदाधिकारी एवं वरिष्ठ कार्यकर्ता उपस्थित रहे जिसमे प्रदेश सचिव – श्री आशुतोष मिश्रा, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य – श्रीमती ज्योतिर्मा राय, श्री हरिओम सिंह, श्री सुरेंद्र पाल भारतीय मजदूर संघ जिला अध्यक्ष – श्री सहदेव चौबे
भारतीय मजदूर संघ जिला मंत्री – श्री अनिल शुक्ला,
जिला अध्यक्ष (बलिया) – डॉ. अनूप रंजन सिंह, जिला महामंत्री – श्री मयंक सिंह, संगठन मंत्री – श्रीमती चंद्रबाला सिंह, महिला प्रतिनिधि– श्रीमती सोनी सिंह, श्रीमती शालिनी यादव, श्रीमती प्रिया सिंह, संरक्षक – डॉ. बरमेश्वर सिंह, मीडिया प्रवक्ता – अभिषेक तिवारी, मीडिया प्रभारी – डॉ. विनोद कुमार, RBSK अध्यक्ष – डॉ. प्रशांत कुमार सिंह, CHO अध्यक्ष – श्री सुमित उपाध्याय, RBSK उपाध्यक्ष – श्री राज यादव आदि उपस्थित रहे।
"जब नारी होगी सशक्त, तभी बनेगा प्रदेश विकसित!"
"सशक्त महिला – सशक्त स्वास्थ्य तंत्र की नींव है!"
"महिला सम्मान ही प्रदेश की असली पहचान है!"
कार्यक्रम के अंत में जिला महामंत्री श्री मयंक सिंह ने सभी अतिथियों, महिला कर्मियों एवं संघ के पदाधिकारियों का हृदय से आभार प्रकट किया।
रिपोर्ट: विक्की कुमार गुप्ता