अध्यापकों ने किया एक बड़ा पहल
बलिया। मथुरा पी. जी कालेज, रसड़ा के समाजशास्त्र विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ० चंदन कुमार गुप्ता का रोड एक्सीडेंट में गत 25 सितम्बर 2024 को निधन हो गया था। बड़े दुर्भाग्य की बात है कि वित्तपोषित महाविद्यालयों एवं स्ववित्त पोषित महाविद्यालयों के वित्तपोषित शिक्षकों की वेतन प्रणाली प्रबंधतंत्र के भरोसे होने के कारण उनकी नियुक्ति विश्वविद्यालय प्रशासन के निर्देश पर यू .जी.सी. मानक के अनुसार होती है किंतु वेतन यू.जी.सी मानक के अनुसार नहीं मिलता है और शिक्षकों का मानसिक दोहन तो यू.जी.सी मानक के अनुसार ही होता है। ऐसी स्थिति में जब कोई स्ववित्तपोषित योजना में कार्यरत शिक्षक किसी दुर्घटना का शिकार होता है तो उसके आश्रितों पर दुःखों का पहाड़ टूट पड़ता है।
वह परिवार तत्काल आर्थिक संकट से जूझने लगता है। ऐसे शिक्षकों के लिए किसी भी विश्वविद्यालय के कुलपति, कुलसचिव, सरकार, उच्च शिक्षा निदेशक, उच्च शिक्षा क्षेत्रीय अधिकारी, प्राचार्य एवं प्रबंधक के पास कोई योजना नहीं है। जनकुआक्टा ने ऐसी स्थिति में शिक्षकों से एक नैतिक अपील की कि अब शिक्षकों को ही दुर्घटना ग्रस्त शिक्षकों के परिवार का आँसू पोछने के लिए आगे आना होगा। शिक्षकों ने इस अपील को सिर आँखों पर उठा लिया और दसो एडेड महाविद्यालयों के वित्तपोषित एवं स्ववित्तपोषित शिक्षकों ने एक सहायता राशि इकट्ठा करना शुरू किया। महाविद्यालयों की जनकुआक्टा यूनिट के सभी अध्यक्ष एवं महामंत्री ने बढ़ चढ़कर सहायता राशि के लिए मुहिम चलाई। वही अम्सा के बलिया अध्यक्ष डा मनोज कुमार दुबे के स्ववित्तपोषित यूनिट ने भरपूर सहयोग किया। आज उसी प्रयास के फलस्वरूप इकट्ठा सहायता धनराशि मृतक शिक्षक स्व0 डॉ. चंदन कुमार गुप्ता की परिवार एवं आश्रित पुत्रियों को 2,95000/- दो लाख पंचानवे हजार रुपए नगद सुपुर्द किया गया। जिसमे विभिन्न महाविद्यालयों से छोटी- बड़ी इकाईयों से प्राप्त सहायता राशि का विवरण निम्नवत है
सतीश चन्द कालेज बलिया से 50000, श्री मु. मनो. टाऊन पीजी कालेज, बलिया से 127500, कुँवर सिंह पी जी कालेज, बलिया से 15000, गुलाब देवी पी. जी. कालेज, बलिया 14000, कमला देवी बाजोरिया पी. जी कालेज, दुबहड़, बलिया से 4000, अमर नाथ मिश्र पी. जी. कालेज, दुबेछपरा, बलिया से 7500, सुदिष्ट बाबा पी.जी कालेज सुदिष्टपुरी 12500, देवेंद्र पी जी कालेज बेल्थरारोड 2500, बजरंग पी जी कालेज दादर आश्रम, सिकंदरपूर, 11,000/, मथुरा पी. जी. कालेज, रसड़ा से 51000। लगभग कुछ आन लाइन पेमेंट भी उनकी पत्नी के खाते में भी सहयोगी शिक्षको के द्वारा भेजा गया है। महामंत्री अवनीश चंद्र पांडेय ने बताया कि विश्वविद्यालय जनकुआक्टा के अध्यक्ष और महामंत्री द्वारा विश्वविद्यालय प्रशासन पर दबाव बनाने पर यद्यपि कुलपति महोदय ने मृत शिक्षक के घर पहुँचकर अपनी तरफ से कुछ सहायता राशि प्रदान की है। किंतु संगठन के दृष्टि से वह नाकाफ़ी था। महामंत्री ने यह आरोप लगाया कि कुछ एक लोगों ने इस यात्रा को बेहद गोपनीय बना दिया कि कुलपति की सहायता को तंग सांचे में मूल्यांकित किया जाने लगेगा, यह भय दिखाकर उनकी यात्रा समाचार पत्रों में नहीं आने दिया गया।
यदि जनकुआक्टा उपस्थित रहा होता तो कुलपति के माध्यम से शिक्षक कल्याण कोष से एक सहायता राशि की घोषणा जरूर करवाता। हम इस सहायता को एक वैधानिक जामा पहनाना चाहते थे। जनकुआक्टा शिक्षको का मूल्यांकन सिर्फ और सिर्फ शिक्षक रूप में करता है, जाति, धर्म, सम्प्रदाय, कालेज आदि की परिधि से ऊपर उठकर वह अपने हर 'शिक्षक' को शिक्षक के वृहद पैमाने में ही देखता है। आज के इस दुःखद अवसर पर चंदन के परिवार से यह वादा किया गया कि हम कुलपति जी से भी शिक्षक कल्याण कोष से भी सहायता राशि की माँग करेंगे।
इस अवसर पर जनकुआक्टा के अध्यक्ष प्रो० अखिलेश राय, महामंत्री डॉ. अवनीश चन्द्र पाण्डेय, प्रो0 राम कृष्ण उपाध्याय, प्रो० फूलबदन सिंह, प्रो0 सचिदानन्द, डॉ. मनोज कुमार दुबे, डॉ. विवेकानंद पाण्डेय, प्रो. अशोक यादव, डॉ. विवेक कुमार राय, डॉ. अशोक सिंह यादव, डॉ० उमेश सिंह, डॉ.सुशील दुबे, डॉ. सुनील कुमार ओझा, डॉ. विवेक कुमार, डॉ. समरजीत सिंह, डॉ. अवनीश कुमार पाण्डेय, डा. सुनील कुमार चतुर्वेदी आदि शिक्षक उपस्थित रहे। साथ ही सभी महाविद्यालयों के यूनिट अध्यक्ष एवं महामंत्री के प्रति इस सहयोग राशि के लिए जनकुआक्टा ने आभार व्यक्त किया।
रिपोर्ट: विक्की कुमार गुप्ता
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