Monday, May 19, 2025

गोंड जनजाति का प्रमाण-पत्र जारी न करना नाताशाही पूर्ण रवैया

113वें दिन भी जारी रहा गोंड समुदाय का अनिश्चित कालीन धरना
बलिया। गोंड समुदाय का अनिश्चितकालीन धरना दिनांक 19 मई दिन सोमवार को 113वें दिन भी जारी रहा। भारत के राष्ट्रपतीय राजपत्र संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश संशोधन अधिनियम-2002 द्वारा बलिया जिले में निवास करने वाले गोंड जाति को अनुसूचित जनजाति के रूप में मान्यता दी गयी है जिसके अनुपालन में गोंड जाति को अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र जारी होता रहा है। इसके बावजूद भी अपर जिलाधिकारी द्वारा बलिया जिले में गोंड जनजाति नहीं पाई जाती है का ऐसा बयान देना सरासर राष्ट्रपतीय राजपत्र शासनादेश की घोर अवमानना है। 

भारत के राष्ट्रपतीय राजपत्र संविधान, शासनादेश के खिलाफ गोंड जनजाति के खिलाफ उत्पीड़नकारी बयान देने वाले ऐसे अपर जिलाधिकारी को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया जाना चाहिए। जिलाधिकारी को यह स्पष्ट करना चाहिए कि अभी-अभी अनुसूचित जनजाति महिला आरक्षित नगर पंचायत मनियर अध्यक्ष पद उपचुनाव में गोंड जाति की महिलाओं का नामांकन किस आधार पर वैध किया गया और निर्वाचित गोंड, भाजपा प्रत्याशी श्रीमती बुचिया देवी को कैसे अध्यक्ष पद की शपथ दिलायी गयी। ज्ञात हो कि गोंड जनजाति प्रमाण पत्र का मामला संसद से लगायत विधानसभा तक में उठा। लगातार धरना देते हुए चार माह होने को है इसके बावजूद भी जिला प्रशासन द्वारा गोंड जनजाति का प्रमाण-पत्र जारी न करना नाताशाही पूर्ण रवैया अपनाने के समान है। धरनारत लोगों ने कहा कि गैर संवैधानिक राष्ट्रपतीय राजपत्र के खिलाफ बयान देने वाले अपर जिलाधिकारी को बर्खास्त करने तथा तत्काल गोंड अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र जारी करना प्रारम्भ करने की मांग को लेकर आन्दोलन के अगले क्रम में सामुहिक संवैधानिक सत्याग्रह आमरण अनशन प्रारम्भ किया जायेगा। 

इस दौरान प्रमुख रूप से अरविन्द गोंडवाना, सुरेश शाह, श्रीपति गोंड, पिंकू गोंड, सूचित गोंड, विक्रम गोंड, सुमेर गोंड, वकील गोंड, रघुनाथ गोंड, ऋतिक गोंड, मनोहर गोंड, जिउत जी गोंड, शिवशंकर गोंड रहे।

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