साहित्यकारों ने उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर डाला प्रकाश
बलिया। हिंदी पर प्रचारिणी सभा के तत्वावधान में चलता पुस्तकालय के सभागार में आचार्य परशुराम चतुर्वेदी की जयंती मनाई गई।
इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि आचार्य परशुराम चतुर्वेदी हिंदी साहित्य के मर्मज्ञ रहे। इन्होंने उन संतो को खोज निकाला जो हास्य पर कार्य किया। संगठन के अध्यक्ष जनार्दन राय ने कहा कि चतुर्वेदी आध्यात्मिक पुरुष थे जिन्होंने अंधकार को दूर करने का कार्य किया।
इस मौके पर अशोक, शिवजी पाण्डेय, रामेश्वर सिंह, राजकुमार मिश्रा, काशी ठाकुर, प्रेम शंकर पांडे, फतेहचंद बेचैन, भोला प्रसाद, शंकर शरण काफिर आदि मौजूद रहे।
रिपोर्ट: मोहसिन उर्फ रिंकू
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