Thursday, May 30, 2024

तकनीकी विकास के साथ ही हिंदी पत्रकारिता का लगातार हो रहा विकास: प्रो. ओम प्रकाश सिंह


जेएनसीयू मे हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर आयोजित हुई संगोष्ठी
बलिया। जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय मे प्रोफेसर संजीत कुमार गुप्ता के संरक्षण में हिंदी पत्रकारिता दिवस पर गुरुवार को संगोष्ठी का आयोजन हुआ। जिसका विषय 'कृषि एवं ग्रामीण विकास में हिंदी पत्रकारिता का योगदान' रहा।  इस कार्यक्रम में विशिष्ट वक्ता के रूप में प्रोफेसर ओम प्रकाश सिंह पूर्व निदेशक एवं प्रोफेसर महामना मदन मोहन मालवीय हिंदी पत्रकारिता संस्थान महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी रहे।  

कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर एवं माता सरस्वती और जननायक चंद्रशेखर जी के चित्र पर पुष्प अर्चन कर हुआ। इस अवसर प्रोफेसर ओम प्रकाश सिंह ने पत्रकारिता और उसके जीवन चक्र पर प्रकाश डाला और बताया कि किस प्रकार पत्रकारिता के माध्यम से सूचना संचार से आम लोगों को भी काफी लाभ पहुंच रहा है। उन्होंने पत्रकारिता और कृषि से जुड़ी अनेक मुद्दों पर विस्तार से बताया। आज के युग में स्मार्ट मीडिया और नेटवर्किंग और अन्य स्रोतों के माध्यम से कृषि बीज उपज भरण पोषण आदि की सूचना सुलभ हो गया है। इसी के साथ उन्होंने बताया कि ओडी ओपी (वन जिला वन प्रोडक्ट) के माध्यम से किसानों को बहुत लाभ मिला है।  उन्होंने बताया कि हमारे प्रधानमंत्री जी ने भी किसान चैनलों के माध्यम से कृषि से जुड़ी जानकारी को आसान बना दिया है जिसे किसानों को सीधा लाभ पहुंचा है। दूरदर्शन भी लगातार कृषि के विकास के लिए अनेकों प्रयास करता रहता है। पहले कृषि के कार्यों में अनेकों महीना लग जाते थे परंतु यह आज यह कुछ समय में अपना परिणाम दिखा रहा है। उन्होंने बताया कि हम इस हिंदी पत्रकारिता के ऋणी हैं क्योंकि जब हम इसकी तुलना अंग्रेजी से करते हैं तो देखते हैं की हिंदी पत्रकार सूचना, स्वास्थ्य, उद्योग, व्यवसाय आदि सुलभ हो पाया है और इसके पूर्ण जानकारी आम जनता तक पहुंच पाई है। इन सब कार्यों के लिए हम रेडियो, टेलीविजन, इंटरनेट पत्र पत्रिका के भी ऋणी है जिसके माध्यम से आदि चीज है आसान हो चुकी हैं। 

आज किसान विभिन्न माध्यम से वैज्ञानिकों के संपर्क में आकर अपने फसल के बारे में सही जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। तकनीकी विकास के साथ ही हिंदी पत्रकारिता का विकास लगातार हो रहा है और इसका सीधा लाभ किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों को मिल रहा है क्योंकि हमारा भारत कृषि प्रधान देश है।

कुलपति  प्रोफेसर संजीत कुमार गुप्ता ने अपने उद्बोधन में विशिष्ट वक्ता प्रोफेसर ओम प्रकाश सिंह का धन्यवाद ज्ञापन किया और  सभी पत्रकारों को पत्रकारिता दिवस पर बधाई एवं शुभकामनायें दिया है। कहा कि कृषि और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में पत्रकारिता के बारे में बताते हुए कहा कि आप सभी पत्रकार हैं अर्थात जब हम सब अपने विचारों को सूचनाओं को अपने प्रयासों को कही न कही साझा करते रहते हैं। उन्होंने पत्रकारिता के बारे में समझाते हुए कहा कि कोई भी दिन प्रतिदिन की जानकारी विचारों, चुनावो, तथ्यो और सूचनाओं को जिस किसी भी रूप में सामने आते है वही पत्रकारिता है। उन्होंने बताया कि पत्रकारिता को तीन भागों में बांटा गया है। प्रसारण, प्रिंट और ऑनलाइन जिसमे तमाम प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया शामिल है। उन्होंने बताया कि पत्रकारिता के मुख्य विशेषता ही होती है। समाज कल्याण, जन कल्याण, मानवता का रक्षा करना, कल्याण कैसे होगा, कैसे किया जाए के साथ इसमें सत्यता, निष्पक्षता, नैतिकता और स्वंत्रता होनी चाहिए तथा तथ्य आधारित संचार होनी चाहिए। यही पत्रकारिता का मुख्य उद्देश्य रहा है। इसी क्रम में हम नारद जी के सारे गतिविधियों को देखें तो पता चलता है उनका लक्ष्य ही कल्याण करना था। यही कारण है की चाहे वह पक्ष हो, विपक्ष हो, मनुष्य हो, देवता हो, राक्षस हो सभी के यहां सामान्य रूप से उनकी पहुंच थी।

उन्होंने हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर चयनित विषय कृषि एवं ग्रामीण परिवेश में पत्रकारिता का योगदान के तहत बताया कि गांव में भारत की आत्मा है और सदा रही है। हमे पत्रकारिता करते समय, वाद संवाद करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि हमारे गांव की आत्मा कैसे सुरक्षित रहेगी इसकी सबको ध्यान में रखना चाहिए। हमारी मूल आवश्यकता पूर्ण करने वाली कृषि ही है और हमारा देश भी कृषि प्रधान देश है। आज के समय में कृषि में इतना तकनीकी विकास और अन्य प्रकार के खाद्य बीज का आविष्कार हो रहा है जिससे कुछ ऐसे फल फूल जो किसी एक निश्चित सीजन में मिलते थे। वह अब हमें निरंतर मिलते रह रहा है जिसकी हमने कल्पना भी नहीं की थी। कृषि को नया आयाम देने में पत्रकारिता की भूमिका नियंत्रण बढ़ती जा रही है कि कृषि में गांव में बैठा किस कहां से जानने का कौन बताएगा उसको तो इस समय में पत्रकारिता की भूमिका बढ़ जाती है। हिंदी भाषा से ही सब कुछ उन्नत और विकास  होना है। इसी कारण उनके पत्रकारिता के वजह से देश के अंदर एक नया स्वरूप खड़ा हुआ है।

 कार्यक्रम का संचालन जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के विनय कुमार ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ लाल विजय सिंह ने किया। इस अवसर पर कुलसचिव एस. एल. पाल, निदेशक शैक्षणिक डॉक्टर पुष्पा मिश्रा, दुर्गेश सिंह, राम भगत सिंह, पंकज उपाध्याय, आकाश कुमार और कृषि विभाग छात्र और पत्रकारिता विभाग के छात्र सहित कर्मचारी गण उपस्थित रहे।
रिपोर्ट: विनय कुमार

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