Monday, April 8, 2024

आज भी सभी अमर बलिदानियों का व्यक्तित्व एवं कृतित्व है गुमनाम: बृजेश राम त्रिपाठी

गुरुकृपा संस्थान एवं पं. राम प्रसाद बिस्मिल बलिदानी मेला एवं उ. प्र. उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल बलिया द्वारा अर्पित की गई श्रद्धांजलि
बलिया। गुरुकृपा संस्थान एवं पंडित राम प्रसाद बिस्मिल बलिदानी मेला एवं उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल बलिया के संयुक्त तत्वावधान में प्रदेशव्यापी मातृ भूमि नमन कार्यक्रम के तहत संगठन का पांच सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल बिस्मिल बलिदान स्थली गोरखपुर से मंगल पांडेय के जन्म स्थली बलिया के नगवां पहुंचा। 

शहीद मंगल पांडेय के 167 वीं बलिदान दिवस पर उनके जन्मभूमि पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने पहुंचे बृजेश राम त्रिपाठी ने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में तत्कालीन समूचे भारत के युवाओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। असंख्य नौवजवान जेल गए, यातनाएं सही और बलिदान हुए। ब्रिटिश हुकूमत ने बागी करार दिया। आजादी के 77 वर्ष बीत गए, किंतु आज भी सभी अमर बलिदानियों का व्यक्तित्व एवं कृतित्व गुमनाम हैं। 

अखिल भारतीय क्रांतिकारी सम्मान संघर्ष मोर्चा के संस्थापक अध्यक्ष सामाजिक कार्यकर्ता बृजेश राम त्रिपाठी ने अपने उद्गार व्यक्त किए। सन 1857 के क्रांति के अग्रदूत बलिया जिले के नगवां गांव में जन्मे मां भारती के अमर सपूत मंगल पांडेय के जन्म स्थली पर संगठन की ओर से आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम को वे बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।

व्यापार मंडल ज़िला अध्यक्ष प्रदीप रस्तोगी ने जिला प्रशासन के माध्यम से मांग किया कि देश के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर करने वाले क्रांतिकारियों की गौरव गाथा को भारत सरकार एवं राज्य सरकारें अपने अपने गजट में नोटिफिकेशन जारी करके उन्हें भारत का धरोहर घोषित करें। गौरवशाली इतिहास को संविधान, संगठन, सरकार और समाज सर्वजनिक तौर पर स्वीकार करें। समस्त देशवासियों की नैतिक जिम्मेदारी एवम् कर्तव्य है कि अपने क्रांतिवीरों को याद करें, युवा उनके बलिदान से प्रेरणा लें, किशोरों में मातृभक्ति का बीजारोपण करें। राष्ट्र के प्रति अपनी जवाबदेही सुनिश्चित करें। मंगल पांडेय, चित्तू पांडेय, पंडित राम प्रसाद बिस्मिल, चन्द्रशेखर आजाद, सरदार भगत सिंह, मदन लाल ढींगरा, शिवराम हरि राजगुरु, सुखदेव थापर, श्यामजी कृष्ण वर्मा, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, स्वातंत्र वीर सावरकर, लाला लाजपत राय, विपिन चंद्र पाल, बाल गंगा धर तिलक, तात्या टोपे, मैडमभीखा जी कामा सरीखे स्वतंत्रता आंदोलन के अप्रतिम योद्धाओं के शौर्यता व वीरता के इतिहास से युवाओं को रूबरू कराने की आवश्यकता है।

प्रतिनिधि मंडल में चंद्रेश्वर सिंह, महेश चंद्र दूबे, उमेश राय, अभिषेक जायसवाल, इंद्रजीत गोंड, अजय मिश्रा शामिल थे। कार्यक्रम में मंगल पांडेय के प्रपौत्र अनिल कुमार पांडेय, जय प्रकाश पांडेय, टुनटुन पांडेय, भुवनेश्वर पासवान ग्राम प्रधान नगवां, अश्वनी कुमार पांडेय, कन्हैया सिंह यादव, हरिशंकर पाठक, कृष्णा धर दूबे सहित भारी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद रहे।

No comments:

Post a Comment

पूजा, उपासना और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बदौलत ही जीवित है हमारी संस्कृति: सुजीत सिंह

कमेटी के सदस्यों सहित एवं कलाकारों को अंगवस्त्र एवं टी शर्ट देकर किया सम्मानित दुबहर (बलिया)। क्षेत्र के अखार गांव के शिव मंदिर...