Friday, June 4, 2021

आपदाकाल में मीडिया ने भी निभाई अपनी महती भूमिका: नरेन्द्र ठाकुर

आयोजित हुई आपदा काल में सेवा और मीडिया विषयक वेब संगोष्ठी
बलिया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, गोरक्षप्रान्त के अंतर्गत विश्व संवाद केंद्र, गोरखपुर के द्वारा आद्य पत्रकार देवर्षि नारद जी की जयंती के अवसर पर और "आपदा काल में सेवा और मीडिया" विषय पर एक वेब संगोष्ठी का आयोजन किया गया। ज्ञात हो कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचार विभाग के द्वारा शुरू हुए नारद जयंती सप्ताह समारोह का शुक्रवार को समापन कार्यक्रम है।
इस वेब संगोष्ठी के मुख्य वक्ता अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख  नरेन्द्र ठाकुर ने नारद जयंती व आपदा काल में सेवा और मीडिया विषय पर अपने विचार रखे। उन्होंने इस आपदाकाल में सुरक्षा, चिकित्सा स्वच्छता व पत्रकारिता से जुड़े लोगों जिन्होंने अपने प्राणों का उत्सर्ग किया उन सबको श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए बताया कि जीवन के सभी क्षेत्रों में किसी न किसी को अपना प्रेरणास्रोत बनाना हमारी प्रवृति रही है। हिन्दी पत्रकारिता की शुरुवात देवर्षि नारद जी की जयंती पर 30 मई 1826 को पंडित जुगल किशोर शर्मा जी द्वारा उदण्ड मार्तण्ड पत्र के प्रकाशन के साथ की गई। नारद जी निरन्तर भ्रमणशील रहे तथा चरैवेति चरैवेति के सिद्धांत को समाज के समक्ष रखा। नारद जी के भक्तिसूत्र व शिक्षाएं लोक कल्याणकारी हैं। नारद जी के सूचनाओ के पीछे लोकभावना का गुढ़ रहस्य छिपा रहता है। उन्होंने आगे बताया कि पत्रकारिता का मूल सिद्धांत निष्पक्षता होती है। लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ पत्रकारिता है। पत्रकारिता का स्वरूप समयानुसार बदला। प्रारम्भ में समाचार छपते थे जो बाद में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, सोशल मीडिया का स्वरूप आया। पत्रकारिता का सिद्धांत हमेशा अडिग होती है। उन्होंने बताया कि समाज ने सेवा का बहुत बड़ा कार्य किया है। संघ ने भी इस आपदाकाल में सेवाकार्य हेतु अपनी पूरी क्षमता लगा दी। संघ के स्वयंसेवकों द्वारा विभिन्न स्थानों पर जरूरतमंद लोगों तक भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित कराई गई। टीकाकरण में सहयोग किया गया। इस आपदाकाल में मीडिया ने भी अपनी महती भूमिका निभाई।

विषय की प्रस्तावना रखते हुए पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्र प्रचार प्रमुख नरेंद्र सिंह ने पत्रकारिता के मूलभूत सिद्धांतों व मूल्यों की विशद व्याख्या करते हुए बताया कि पत्रकारिता समाज का आईना होता है तथा समाज को अच्छे बुरे में भेद को स्पष्ट करता है। संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे  एस. के.शुक्ला ने कहा कि पत्रकारिता संवाद का एक अच्छा स्रोत है तथा पत्रकारिता को राष्ट्रभक्ति से युक्त होना चाहिए। पत्रकारिता के सकारात्मक व नकारात्मक दो पहलू होतें है। खबरों में वाक्यों व चित्रों से समाज पर बड़ा गहरा प्रभाव पड़ता है। सेवा का शब्द बड़ा पवित्र होता है। जहाँ सेवा है वहीं भगवान का निवास होता है।
अतिथियों का परिचय प्रान्त प्रचार प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी द्वारा तथा आभार सह प्रान्त प्रचार प्रमुख शैलेष सिंह द्वारा किया गया।

यह संगोष्ठी ज़ूम एप्प के साथ साथ विश्व संवाद केंद्र गोरखपुर के फेसबुक पेज पर लाइव प्रसारित हो रही थी। इस संगोष्ठी में प्रान्त संघचालक, प्रान्त कार्यवाह, प्रान्त प्रचारक, सह प्रान्त प्रचारक के साथ साथ सभी विभाग व जिला के प्रचारक, कार्यवाह, संघचालक, प्रचार प्रमुख आदि के साथ समाज के अन्य विशिष्टजन प्रोफेसर, पत्रकारिता जगत के बन्धु, अधिवक्ता, चिकित्सक आदि अनेक लोग जुड़े थे। संगोष्ठी की अध्यक्षता इंडिया ग्लाइकोल लिमिटेड, गोरखपुर के बिजनेश हेड एस. के. शुक्ल द्वारा तथा संचालन सिद्धार्थ जी द्वारा किया गया।

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