वीर कुंवर सिंह बस्ती द्वारा घोष दल के साथ निकाला गया संचलन
बलिया। संघ के शताब्दी वर्ष के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा मनाए जाने वाले बस्ती सह विजयादशमी उत्सव पथ संचलन के क्रम में आठ अक्टूबर दिन बुधवार को रामपुर उदयभान स्थित वीर कुंवर सिंह बस्ती द्वारा घोष दल के साथ संचलन निकाला गया जो डॉ. रामविचार रामरती सरस्वती बालिका विद्यालय से प्रारम्भ होकर कुंवर शनघ चौराहा, कुंवर उपवन, प्रोफेसर कॉलोनी होता हुआ पुनः डॉ. रामविचार रामरती सरस्वती बालिका विद्यालय पर पहुंचकर सम्पन्न हुआ।
अमृतवचन व एकलगीत के बाद मुख्य वक्ता विभाग प्रचारक अम्बेश जी का पाथेय प्राप्त हुआ। अपने सम्बोधन में मुख्य वक्ता अम्बेश ने बताया कि पूज्य डॉ. केशवराव बलिराम हेडगेवार जी ने जिस बीज रूपी संघ का बीजारोपण किया वो आज वटवृक्ष का रूप धारण कर लिया है जिसकी व्याप्ति आज पूरे विश्व में व्याप्त है। उन्होंने आगे बताया कि विजया दशमी पर्व पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की गई थी, क्योंकि इस्लामिक आक्रांताओं और ब्रिटिश शासन के दौरान भारत माता की दुर्दशा हो गई थी और हिंदुत्व का पतन हो रहा था। भारत माता के परम वैभव की पुनर्स्थापना के लिए विजयादशमी के दिन ही सन 1925 में संघ की स्थापना हुई। उन्होंने आगे बताया कि संघ की स्थापना के समय छोटे छोटे बालकों को लेकर शाखा प्रारम्भ किया। शाखा का उद्देश्य व्यक्ति के व्यक्तित्व का निर्माण है अर्थात संघ अपनी शाखाओं के माध्यम से सर्वांगीण विकास करने का कार्य करता है।
उन्होंने आगे बताया कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने न केवल सक्रिय भागीदारी की, बल्कि हर मोर्चे पर अहम भूमिका निभाई और अपने प्राणों की आहुति तक दी। इस अवसर पर उन्होंने पंच परिवर्तन व शताब्दी वर्ष के सप्त करणीय बातों का विस्तार से उल्लेख किया।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. ओम प्रकाश त्रिपाठी द्वारा किया गया। मुख्य शिक्षक अखिलेश सिंह थे। एकलगीत दिव्यांश, अमृतवचन आशीष तिवारी व प्रार्थना नमन द्वारा कराया गया।
अतिथियों का परिचय बस्ती प्रमुख विनोद तिवारी द्वारा कराया गया। इस अवसर पर जिला शारीरिक शिक्षण प्रमुख चंद्रशेखर , नगर कार्यवाह मारुति नन्दन, नगर प्रचारक प्रवीण, गणेश तिवारी, बाल्मीकि ठाकुर, मोहित पाण्डेय शांतिभूषण राय, सुशील पाण्डेय के साथ सैकड़ों स्वयंसेवक बन्धु उपस्थित थे।
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