राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय सचिव ने अमर शहीद सम्मान यात्रा के शुभारंभ के दौरान कही उक्त बाते
दुबहड़ (बलिया)। शहीद मंगल पांडेय का स्थान देश के सभी शहीदों, सेनानियों में सबसे ऊंचा है। मंगल पांडेय को निश्चित तौर पर सबसे पहले भारत रत्न मिल जाना चाहिए था।
उक्त बातें राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय सचिव अनुपम मिश्रा ने अमर शहीद सम्मान यात्रा के शुभारंभ के दौरान रविवार के दिन शहीद मंगल पांडेय के पैतृक गांव नगवा में उनके स्मारक परिसर पर पुष्प अर्पित कर लोगों को संबोधित करते हुए कही। कहा कि मंगल पांडेय के बदौलत ही आज हमारा देश आजाद हुआ है। उनकी जन्मस्थली और स्मारक प्रेरणा का स्रोत होना चाहिए। लेकिन वर्तमान में उनके स्मारक की जर्जर व्यवस्था को देखकर बहुत दुख हो रहा है। कहा कि जिन शहीदों के कुर्बानी के बदौलत आज हम सदन में बैठने के काबिल है उन शहीदों के सम्मान में उनके स्मृतियों को जिंदा रखने के लिए उनके स्मृतियों को विकसित करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि इस यात्रा के दौरान मैं प्रदेश सरकार या केंद्र सरकार सभी से मिलकर मंगल पांडेय के पैतृक गांव में उनके स्मारक तथा उनके परिजनों के विकास के संबंध में बातचीत करूंगा।
कहा कि मंगल पांडेय की प्रतिमा देश ही नहीं बल्कि विश्व सबसे ऊंची होनी चाहिए ताकि हमारे देश के लोग जान सके की इस मिट्टी का रहने वाले तीस वर्ष का युवक अंग्रेजों के साम्राज्य के खिलाफ पहला बिगुल फुंका और देश की आजादी के लिए सबसे पहले अपनी कुर्बानी दी। अपने यात्रा के प्रारंभिक दौर में श्री अनुपम मिश्रा ने मंगल पांडेय के पैतृक गांव नगवा जाकर उनके परिजनों से भी मुलाकात की।
इस दौरान नगवा गांव के प्रधान प्रतिनिधि भुवनेश्वर पासवान लोकदल के राष्ट्रीय सचिव अनुपम मिश्रा को मंगल पांडेय का तैलीय चित्र देकर सम्मानित किया।
इस मौके पर मुख्य रूप से एच कुमार स्वप्लिन, डाॅ. हरि प्रकाश, विजय श्रीवास्तव, शालिनी जी, शाहिद अली खान, प्रधान प्रतिनिधि भुवनेश्वर पासवान, संतोष पांडे, हरिशंकर पाठक एवं दुबहड़ के थानाध्यक्ष मिथिलेश कुमार मय फोर्स उपस्थिति रहे।
रिपोर्ट: रणजीत सिंह
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