Monday, June 9, 2025

छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक का दिवस है हिंदू साम्राज्य दिवस

सरस्वती शिशु विद्या मंदिर जगदीशपुर में हिंदू साम्राज्य दिनोत्सव का हुआ आयोजन
बलिया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बलिया नगर द्वारा आज सोमवार को सरस्वती शिशु विद्या मंदिर जगदीशपुर बलिया के परिसर में हिंदू साम्राज्य दिनोत्सव का आयोजन किया गया जिसमें बलिया नगर के सैकड़ो कार्यकर्ता गणवेश में सम्मिलित हुए। मुख्य अतिथि बलिया विभाग के विभाग सामाजिक सद्भाव प्रमुख जितेंद्र मिश्रा व बलिया नगर के नगर संघचालक परमेश्वरश्री द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलन तथा भारत माता, पूज्य डॉक्टर हेडगेवार व श्रीगुरुजी के चित्र के सम्मुख पुष्पार्चन किया गया। ध्वजारोपणम के बाद उत्सव का शुभारंभ हुआ।

हिंदू साम्राज्य दिनोत्सव के बारे में बताते हुए मुख्य अतिथि जितेंद्र मिश्र ने बताया कि प्रति वर्ष आने वाले इस हिंदू साम्राज्य दिवस का आज विशेष आयोजन है। हिंदू साम्राज्य दिवस ज्येष्ठ शुक्ल त्रयोदशी छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक का दिवस है, जिसने हिंदू राज्य नहीं बन सकता है, इस भाव को दूर किया तथा  "दिल्लीश्वरो वा जगदीश्वरों वा" की झूठी धारणा को भी समाप्त किया। उन्होंने आगे बताया कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने सीमित साधनों से ही सिद्ध किया कि हिन्दु सभी दृष्टि से श्रेष्ठ, स्वतंत्र व स्वयं शासक बनने योग्य है। विजय ही हमारा उद्देश्य। उन्होंने जितने युद्ध लड़े सभी में विजयी हुए। व्यक्ति निर्माण के आदर्श, सामान्य व्यक्तियों में असाधारण प्रतिभा जगाकर उन्हें राष्ट्र का कुशल नेता बनाया। उन्होंने युद्ध की नई रणनीति अर्थात् गुरिल्ला युद्ध पद्धति का अविष्कार किया।
उन्होंने अखिल भारतीय दृष्टि व हिन्दवी स्वराज्य की स्थापना की।
उन्होंने आगे बताया कि छत्रपति शिवाजी महाराज की माता जीजाबाई ने उनके बचपन में उन्हें रामायण और महाभारत की कहानियां सुनाकर उन्हें गढ़ा, जिससे उन्हें नैतिकता, साहस और नेतृत्व के गुणों की शिक्षा मिली। जीजाबाई ने शिवाजी को धर्म, संस्कृति और राष्ट्र के प्रति जागरूक किया। 

उन्होंने आगे बताया कि बालक शिवाजी के मन में अपने समय की परिस्थितियों को लेकर जिज्ञासा और चिंता थी। उन्होंने देखा कि मंदिरों को तोड़ा जा रहा था और हिंदुओं को गुलामी का जीवन जीने के लिए मजबूर किया जा रहा था। इन अनुभवों ने शिवाजी को अपने देश और समाज के लिए कुछ करने के लिए प्रेरित किया। समर्थ गुरु रामदास के सानिध्य में 15 वर्षीय बालक शिवाजी ने हिन्दू साम्राज्य की स्थापना का प्रण लिया। शिवाजी महाराज ने 16 वर्ष की आयु में तोरण किला जीता था। यह उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव था और उनके सैन्य अभियान की शुरुआत का प्रतीक है। 

उन्होंने आगे बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी हिन्दू समाज में संगठन का कार्य अपनी शाखाओं के माध्यम से किया। उन्हेंने संघ व उसके उत्सवों के विषय में बताते हुए कहा कि केशव बलिराम हेडगेवार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की और इसके माध्यम से हिंदू समाज को संगठित करने और राष्ट्रीय भावना को जगाने का काम किया। उन्होंने समय-समय पर विभिन्न उत्सवों और कार्यक्रमों के आयोजन के माध्यम से हिंदू समाज को एकजुट करने और उन्हें अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया। हिंदू साम्राज्य दिनोत्सव का आयोजन इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था, जिसका उद्देश्य हिंदू समाज को उनके गौरवशाली इतिहास और संस्कृति की याद दिलाना और उन्हें अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करना था।

उन्होंने पंच परिवर्तन के बारे में बताते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने 100वें वर्ष में प्रवेश करने के अवसर पर पंच परिवर्तन की संकल्पना पर काम कर रहा है। यह एक महत्वपूर्ण पहल है जिसका उद्देश्य समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना और राष्ट्र के विकास में योगदान करना है। हमारा कुटुम्ब, परिवार कैसा हो? हमारा पर्यावरण  कैसा हो? समाज में समरसता कैसे स्थापित होगा? इसके साथ अपने आचरण में स्व के भाव का जागरण कैसे हो? हमारा नगरिक कर्तव्य क्या है?  पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि एक आदर्श परिवार वह है जो प्रेम, सम्मान और सहयोग पर आधारित हो। परिवार के सदस्यों को एक-दूसरे के प्रति सहानुभूति और समझ रखनी चाहिए। हमें अपने पर्यावरण की रक्षा और संरक्षण के लिए काम करना चाहिए। हमें प्रदूषण को कम करने, ऊर्जा की बचत करने और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करने के लिए प्रयास करना चाहिए। समाज में समरसता स्थापित करने के लिए हमें विभिन्न समुदायों और वर्गों के लोगों के बीच संवाद और समझ बढ़ाने के लिए काम करना चाहिए। स्व के भाव का जागरण करने के लिए हमें अपने आप को समझने और अपने जीवन के उद्देश्य को पहचानने के लिए प्रयास करना चाहिए। हमें अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए काम करना चाहिए। एक नागरिक के रूप में हमें अपने अधिकारों के साथ साथ अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक रहना चाहिए।

अंत में संघ प्रार्थना के बाद कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इस कार्यक्रम के मुख्य शिक्षक सह नगर शारीरिक शिक्षण प्रमुख बाल्मीकि थे। अतिथियों का परिचय नगर कार्यवाह मारुति नंदन तिवारी , एकलगीत अभिषेक, प्रार्थना ओम प्रकाश वर्मा व गणगीत बस्ती प्रमुख पवन ने कराया।

इस अवसर पर सह विभाग कार्यवाह हरनाम, विभाग संपर्क प्रमुख अनिल सिंह, विभाग संयोजक कुटुंब प्रबोधन राम कुमार तिवारी, विभाग संयोजक सामाजिक समरसता मणिराम मिश्रा, जिला सेवा प्रमुख डॉO संतोष तिवारी, जिला शारीरिक शिक्षण प्रमुख चंद्रशेखर, जिला संपर्क प्रमुख ओम प्रकाश राय,  सह नगर बौद्धिक शिक्षण प्रमुख कृपानिधि पाण्डेय, नगर संयोजक पर्यावरण संरक्षण दिनेश बबलू, संजय वर्मा के साथ अन्य स्वयंसेवक व गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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