भोजपुरी भाषा को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से जननायक चन्द्रशेखर विवि0 में हुआ कार्यक्रम
बलिया। जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर कल्पलता पाण्डेय के निर्देशन में प्रशासनिक भवन स्थित ऑडिटोरियम में सांस्कृतिक प्रकोष्ठ द्वारा भोजपुरी भाषा को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से 'भोजपुरी लोकगीत गायन' प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
अध्यक्षीय उद्बोधन निदेशक, शैक्षणिक डाॅ पुष्पा मिश्रा ने दिया और विवाह के अवसर का एक गीत भी सुनाया। डाॅ प्रियंका सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर, समाजशास्त्र ने भी एक गीत और डाॅ अजय चौबे, एसोसिएट प्रोफेसर, अंग्रेजी ने एक भोजपुरी ग़ज़ल सुनाई। हिन्दी प्राध्यापक डाॅ प्रमोद शंकर पाण्डेय ने भोजपुरी लोक साहित्य की विस्तार से चर्चा की और उसके विभिन्न अंगों लोकगीत, लोकगाथा, लोक नाटक, लोक सुभाषित आदि के बारे में बताया। आपने इन सभी के संरक्षण की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि भाषा के मरने के साथ ही संस्कृति भी मर जाती है इसलिए अपनी मातृभाषा को बचाने की जरूरत है। कार्यक्रम में डाॅ सुरारी पाण्डेय व डाॅ राघवेंद्र पाण्डेय ने भी विचार व्यक्त किये। डाॅ शैलेंद्र सिंह व डाॅ लालविजय सिंह उपस्थित रहे। विद्यार्थी अर्पिता मिश्र, लालबाबू यादव, नंदिनी सिंह, सांची दुबे, प्रियंका यादव आदि ने भोजपुरी गीत जैसे देवी गीत, शिव जी के गीत, विवाह गीत, सोहर आदि प्रस्तुत किये।
भोजपुरी गायन प्रतियोगिता में भोजपुरी लोकगीत से संबंधित सोहर, खेलवना, जनेऊ के गीत, विवाह के गीत, वैवाहिक परिहास के गीत, छठी माता, शीतला के गीत, चैता, बिरहा आदि प्रस्तुत किया गया। संचालन डाॅ शकुंतला श्रीवास्तव ने किया।
No comments:
Post a Comment