अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया गया गांधी एवं शास्त्री जयंती
बलिया। जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय में गांधी एवं शास्त्री जयंती सोमवार को 'अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस' के रूप में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। इस अवसर पर कुलपति प्रो. संजीत कुमार गुप्ता ने ध्वजारोहण किया।
अपने संबोधन में कुलपति ने विद्यार्थियों को गांधीे एवं शास्त्री के बताये मार्ग का अनुसरण करने के लिए प्रेरित किया। कहा कि गांधीे के जीवन एवं विचार में विरोध नहीं है। उन्होंने अपने सिद्धांतों को अपने जीवन में जिया। गांधीे का सर्वोदय हर व्यक्ति के विकास को केंद्रित करता है। उनका श्रम आधारित विकास का माडल जिसमें 'हर हाथ को काम' का विचार है, आज भी सर्वथा प्रासंगिक है।
कार्यक्रम में संगीत विभाग के प्राध्यापक प्रद्युम्न उपाध्याय ने 'रघुपति राघव राजा राम, पति पावन सीता राम' एवं चरखा गीत ' मोरे चरखा का न टूटे तार, चरखवा चालू रहे' की प्रस्तुति दी। सोनू यादव ने 'शबरी संवारे रास्ता, आएंगे राम जी' और काशीनाथ ठाकुर ने 'चंचल मन नित राम जपा कर' भजन प्रस्तुत किया। तबले पर संगत संगीत प्राध्यापक संतोष तिवारी ने दिया। डाॅ. छबिलाल, सहायक आचार्य राजनीति विज्ञान ने अहिंसा के संबंध में गांधीे के विचार रखते हुए उसकी प्रासंगिकता को बताया। निदेशक, शैक्षणिक डाॅ. पुष्पा मिश्रा ने गांधीे एवं शास्त्री के जीवन प्रसंगों का जिक्र करते हुए उनकी महानता को समझाया। कार्यक्रम में स्वागत डाॅ. गुंजन कुमार, संचालन डाॅ. स्मिता त्रिपाठी एवं धन्यवाद ज्ञापन डाॅ. शशिभूषण ने किया। एनएसएस प्रभारी डाॅ. लाल विजय सिंह के नेतृत्व में एनएसएस के स्वयंसेवियों ने बसंतपुर गांव में प्रभातफेरी लगाई और अहिंसा के प्रति ग्रामीणों को जागरूक किया।
इस अवसर पर डाॅ. प्रियंका सिंह, डाॅ. विनीत सिंह, डाॅ. तृप्ति तिवारी ,डॉ रंजना मल्ल आदि प्राध्यापक, विद्यार्थी, कर्मचारी एवं क्षेत्र के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
रिपोर्ट: विनय कुमार
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