Saturday, September 3, 2022

प्रोजेक्ट निर्माण हेतु मार्गदर्शक शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं की कार्यशाला सम्पन्न

30वी राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के तहत हुई जनपद स्तरीय ऑनलाइन कार्यशाला
बलिया। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार द्वारा संचालित राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस, बलिया के बाल वैज्ञानिकों की प्रोजेक्ट प्रस्तुतीकरण के जिला आयोजन की तैयारी के अंतर्गत मार्गदर्शक शिक्षकों एवं छात्र- छात्राओं की एक दिन की जनपद स्तरीय ऑनलाइन कार्यशाला गूगल मीट एवं यूट्यूब के माध्यम से सुबह 11:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक सफलतापूर्वक आयोजित की गईl 
इस दौरान गूगल मीट एवं यूट्यूब के माध्यम से जनपद से भारी संख्या में मार्गदर्शक शिक्षकों एवं छात्र- छात्राओं ने प्रतिभाग कियाl इसमें 10 वर्ष से 17 वर्ष आयु वर्ग के छात्र छात्राएं मुख्य विषय- स्वास्थ्य और कल्याण के लिए पारितंत्र को समझना व इसके उप विषयों पर प्रोजेक्ट कैसे तैयार कर प्रस्तुत करेंगे, की जानकारी राज्य एकेडमिक समन्वयक डा. विजय कुमार एवं जिला एकेडमिक समन्वयक डॉ प्रतिभा त्रिपाठी द्वारा दी गईl इस ऑनलाइन राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के दौरान राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस, उत्तर प्रदेश के राज्य समन्वयक डा.एस.के.सिह, कार्यक्रम समन्वयक एवं एसआरजी आशुतोष कुमार सिंह तोमर, राजनारायण सिंह ने कार्यशाला में शामिल सभी मार्गदर्शक शिक्षकों एवं छात्र- छात्राओं को अपने संबोधन द्वारा मार्गदर्शन प्रदान किया। राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस की उपाध्यक्ष एवं सेवा सदन स्कूल की प्रिंसिपल सुमन सिंह ने कहा कि पारंपरिक ज्ञान प्रणाली एवं मूल्यों की मदद से सतत जीवन के लिए विज्ञान का मार्ग खोज सकते हैं एवं भविष्य की चुनौतियों का सामना कर सकते हैं। कार्यक्रम का संचालन करते हुए जिला एकेडमिक समन्वयक डॉ प्रतिभा त्रिपाठी ने राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का परिचय कराते हुए 30वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस-2022 के मुख्य विषय स्वास्थ्य और कल्याण के लिए पारितंत्र को समझना के अंतर्गत पांच उप-विषयों की विस्तृत जानकारी भी दी। 

जिला समन्वयक डॉ सुधीर कुमार सिंह ने मुख्य अतिथि, सभी विशिष्ट अतिथियों एवं विषय विशेषज्ञों का स्वागत किया और मुख्य वक्ता के रूप में आए डॉ. विजय कुमार का परिचय कार्यक्रम मे शामिल सभी शिक्षकों से कराया। अतिथि विशेषज्ञ डॉ विजय कुमार ने बाल वैज्ञानिकों को स्थानीय समस्या को कैसे पहचाने एवं स्थानीय समस्या पर प्रोजेक्ट कैसे बनाएं, विषय का सरलीकरण करते हुए इसे विस्तार से बताया। एसआरजी एवं कार्यक्रम समन्वयक आशुतोष कुमार सिंह तोमर ने बताया कि आज के बाल वैज्ञानिक कल के वैज्ञानिक होंगे। यह प्रतिस्पर्धा नहीं अपितु सहयोग से आगे बढ़ने की भावना है, इससे बच्चों का सर्वागीण विकास भी होता है। सचिव रजनीकांत सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का उद्देश्य बाल वैज्ञानिकों, अभिभावको, शिक्षकों आदि में खोजी प्रवृत्ति को विकसित करना है। जिला समन्वयक डॉ सुधीर कुमार सिंह ने प्रोजेक्ट मूल्यांकन के समस्त बिंदुओं पर चर्चा की एवं निष्पक्ष मूल्यांकन के महत्व को बताया। 

जिला एकेडमिक समन्वयक डॉ प्रतिभा त्रिपाठी ने भी प्रोजेक्ट प्रस्तुतीकरण की तिथियों एवं प्रोजेक्ट बनाने से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां दी। कार्यक्रम के अंत में राजनारायण सिंह ने इस ऑनलाइन गूगल एवं यूट्यूब कार्यशाला में आए मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथियों,विषय  विशेषज्ञों, मुख्य वक्ताओं एवं कार्यशाला में शामिल सभी  मार्गदर्शक शिक्षकों एवं छात्र- छात्राओं का आभार व्यक्त किया। इस कार्यशाला में संतोष चतुर्वेदी, सोनिया सिंह, हर्ष श्रीवास्तव, प्रेम प्रकाश राय, नीतीश उपाध्याय, परवेज अंसारी, आराधना, संजय कुमार, प्रभुनाथ यादव, मोहित यादव, अशोक कुमार सिंह, अंजली कनौजिया, नेहा राजभर, द्रोपदी राय, सुनैना सिंह मार्ग दर्शक शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं शामिल हुए।

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