Monday, July 11, 2022

जनेश्वर मिश्र पार्क में सम्पन्न हुआ वन विहार कार्यक्रम

कार्यक्रम अंतर्गत हुए विभिन्न प्रकार के खेल, योग, अमृत वचन, सुभाषित व गीत
बलिया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बलिया नगर का रविवार को जनेश्वर मिश्र पार्क में वन विहार कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वन विहार कार्यक्रम से नये पुराने कार्यकर्ताओं में पूरे वर्ष कार्य करने की ऊर्जा का संचार किया जाता है। 
वन विहार कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के खेल, योग, अमृत वचन, सुभाषित व गीत हुए। अंताक्षरी व बौद्धिक सत्र के बाद सहभोज के नगर में विभाग बौद्धिक शिक्षण प्रमुख जितेंद मिश्र ने कहा कि व्यक्ति श्रेष्ठ नहीं होता, बल्कि संगठन श्रेष्ठ होता है और संगठन से श्रेष्ठ राष्ट्र होता है। इसलिए भारत माता की जय बोला जाता है। सभी को इस विषय में चिंतन करते रहना चाहिए। वन विहार कार्यक्रम में खेलकूद, व्यायाम, योग,सह भोज आदि कार्यक्रमों के माध्यम से भाई चारा की भावना तथा लोगों में सामाजिक समरसता के भाव का जागरण होता है। संघ के स्वयंसेवकों को समाज और देश की उन्नति के लिए तन, मन, धन से कार्य करने की जरूरत है। स्वयंसेवक वन विहार कार्यक्रम के माध्यम से एकजुट होकर हिन्दू जनमानस को उनके नैतिक कर्त्तव्यों के प्रति जागृत करें। जिससे कि हिन्दू समाज बिना किसी भेदभाव के एक-दूसरे का साथ दें। बीज से वृक्ष बनता है और बीज को मिट्टी में मिल जाना पड़ता है। समर्पण ही बीज की ताकत है। संघ ऐसे लोगों से चलता है जो होते तो हैं, लेकिन दिखते नहीं है। उन्होंने कहा कि हम एक हो जाएं, जाग जाएं और सदा के लिए एक रहे, तो अपने देश को संकट से मुक्त तो कर ही लेंगे। इस अवसर पर अतिथि का परिचय जिला कार्यवाह हरनाम जी द्वारा कराया गया।
इसी क्रम में आज बैरिया खण्ड, बांसडीह खण्ड, मनियर खण्ड, हनुमानगंज खण्ड व सोहांव खण्ड का भी वन विहार कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। जिसमे मुख्य वक्ताओं ने संघ के इतिहास व उसके उत्सवों का विशद वर्णन करते हुए कहा कि परम पूज्य डॉ हेडगेवार जी ने समाज में जिन गुणों को अनुभव किया उसी अनरूप उत्सवों की योजना की। ये उत्सव किसी विशेष गुणों की ओर इंगित करते हैं। यथा- गुरु पूर्णिमा से आत्मनिवेदन व समर्पण, रक्षाबंधन से सामाजिक समरसता व समानता का प्रकटीकरण, वर्ष प्रतिपदा, विजयदशमी उत्सव एवं हिन्दू साम्राज्य दिवस से जिगिविशु वृत्ति, पुरुषार्थ, राष्ट्रभाव व आत्मरक्षा वृत्ति का जागरण व मकर संक्रांति से सही दिशा में सम्यक क्रांति व संगठन के भाव का जागरण होता है। इन सभी उत्सवों से आत्मकेंद्रित स्वभाव से समाज केंद्रित स्वभाव में परिवर्तन होता है। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बलिया के विभाग, जिला व नगर के स्वयंसेवक बंधूओं विचार परिवार के कार्यकर्ता व गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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