सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ संपन्न हुआ मातृभूमि वंदना कार्यक्रम
बलिया। स्वाधीनता के अमृत महोत्सव आयोजन समिति जनपद बलिया के तत्त्वावधान में नागाजी सरस्वती विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय माल्देपुर के प्रांगण में शनिवार को मातृभूमि वंदना कार्यक्रम के तहत धूमधाम से सांस्कृतिक कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विद्या भारती गोरक्ष प्रान्त के प्रांतीय संगठन मंत्री श्री रामय जी थे। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीमती धनपाली द्वारा किया गया।
विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में सर्वप्रथम मां भारती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर व सेनानियों के चित्र पर पुष्पार्चन किया गया। तत्पश्चात ध्वजारोहण व राष्ट्रगान के पश्चात कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। मंचस्थ अतिथियों में मुख्य अतिथि रामय जी व कार्यक्रम की अध्यक्षा श्रीमती धनपालि के साथ क्रमशः जिला संघचालक भृगु जी, सह प्रान्त कार्यवाह विनय सिंह, विभाग कार्यवाह रामबिलास, विभाग प्रचारक श्रीप्रकाश, जिला प्रचारक सत्येन्द्र जी, विद्यालय के अध्यक्ष जगदीश सिंह, प्रबन्धक अनिल सिंह थे।
मातृ वन्दना के इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रामय जी ने कहा कि स्वाधीनता के अमृत महोत्सव का आयोजन जनमानस में देशभक्ति के भाव जगाने की कोशिश है। स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव का पर्व बलिदानी देशभक्तों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का अवसर है। जिनके त्याग और बलिदान के कारण आज हम स्वतन्त्रता के साथ सम्मानपूर्वक जीवन जीने का आनंद ले रहे हैं। भारत की स्वतंत्रता विश्व के अन्य देशों के स्वतंत्रता सेनानियों के लिए प्रेरणा बन गई। भारत की स्वतंत्रता से प्रेरणा लेकर एक के बाद एक सभी उपनिवेश स्वतंत्र होते चले गए और ब्रिटेन का कभी न छिपने वाला सूर्य सदैव के लिए अस्त हो गया। उन्होंने आगे बताया कि वर्तमान समय में हम स्वतन्त्रता की 75वीं वर्षगाँठ मना रहे हैं। देश के प्रथम क्रांतिकारी बलिया जिले के नगवां गांव के निवासी मंगल पाण्डेय ने अपना बलिदान देकर देशवासियों को आजादी की लड़ाई में आगे आने के लिए प्रेरित किया। हमारे देश को स्वतंत्र करने में लाखों लोगों ने अपना बलिदान किया। जिनका स्मरण नहीं किया गया। बलिया में ऐसे अनेक सेनानी हुए जिनका नाम तक नही आया। यह हमारा दुर्भाग्य है। कहा जाता है कि 'दे दी हमें आजादी बिना खडग बिना ढाल'। यदि हमें स्वतन्त्रता बिना खडग बिना ढाल मिली है तो मंगल पांडेय जी क्यों शहीद हुए, चन्द्रशेखर आजाद खुद को गोली क्यों मारी, भगत सिंह, रामप्रसाद बिस्मिल आदि अनेक लोगों को फांसी क्यों हुई। यह चिंतनीय विषय है। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के जन्मदिवस से शुरू हुआ यह स्वाधीनता का अमृत महोत्सव 19 दिसम्बर 2021 को रामप्रसाद बिस्मिल के बलिदान दिवस पर सम्पन्न होगा। इसी क्रम में उन्होंने उपस्थित जन समुदाय से आह्वान किया कि भारत की स्वतंत्रता के लिए जिन लोगों ने बलिदान दिए हैं, जिनके परिवार नष्ट हो गए, उनके बलिदान को भी हम ना भूलें। उनके प्रति हमारे मन में सदैव कृतज्ञता और धन्यवाद का भाव रहे।
श्रीमती धनपालि जी द्वारा आशीर्वचन प्रदान किया गया।
अंत में सामूहिक वन्देमातरम गीत के गान के साथ मातृभूमि वंदना का यह कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
इस अवसर पर मा. सह जिला संघचालक डॉ विनोद सिंह, सह विभाग कार्यवाह संजय जी, जिला कार्यवाह हरनाम, डॉ राजेन्द्र पाण्डेय, सत्यब्रत सिंह, संजय कश्यप, मारुति नन्दन, विद्या भारती के मंत्री अक्षय ठाकुर, विद्यालय के अध्यक्ष जगदीश सिंह, ईश्वरनश्री प्रधानाचार्य अरविंद सिंह, उप प्रधानाचार्य निर्भय शंकर उपाध्याय, अम्बादत्त पाण्डेय, रामकृष्ण उपाध्याय, दिनेश सिंह, लव, शिवम, भारती सिंह, प्रशांत पाण्डेय आदि व विभिन्न विचार परिवार के बन्धुओं के हजारों की संख्या में माताएं, बहने व हजारों लोग उपस्थित थे।अमृत महोत्सव का सम्पूर्ण वृत्त व प्रस्तविकि सह जिला कार्यवाह अरुण मणि द्वारा व अतिथियों का परिचय व स्वागत प्रधानाचार्य अरविंद सिंह चौहान द्वारा व आभार प्रबन्धक अनिल सिंह द्वारा किया गया।
स्वतन्त्रता सेनानियों के परिवार के लोगों को अंगवस्त्रम से किया गया सम्मानित
इस मातृभूमि वंदना कार्यक्रम के तहत स्वतन्त्रता सेनानियों के परिवार के लोगों को मुख्य अतिथि द्वारा अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया गया। सम्मान के क्रम में सेनानी स्व.राधाकृष्ण उपाध्याय के प्रपौत्र नीरज, सेनानी स्व. महानंद मिश्र के सुमित मिश्र, सेनानी स्व. रामपूजन तिवारी के पौत्र राजीव तिवारी, सेनानी स्व.जगन्नाथ सिंह के पौत्र दीपक कुमार सिंह, श्रीमती धनपालि सिंह, सेनानी स्व. रामलक्षन तिवारी के पुत्र श्रीराम तिवारी, सेनानी स्व.सूर्यदेव राय की पत्नी श्रीमती लालबची देवी, सेनानी स्व. सरयू प्रसाद के पुत्र छोटेलाल प्रसाद, सेनानी स्व. शिवमुनि के पौत्र शनि, सेनानी स्व.उमाशंकर जी के पुत्र दिनेश कुमार, सेनानी स्व. प्रभुनाथ सिंह के पौत्र मुनमुन सिंह, सेनानी स्व.बाबू गंगा प्रसाद सिंह के पौत्र राहुल सिंह सागर को सम्मानित किया गया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम ने बलिदान हुए लोगों की गौरव गाथा की दिलाई याद
इस अमृत महोत्सव कार्यक्रम में विद्यालय के बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से स्वतन्त्रता की लड़ाई में बलिदान हुए लोगों की गौरव गाथा की याद दिलाई। बच्चों द्वारा गुमनाम मितवा, सुनो गौर से दुनिया वालों पर गीत के साथ नृत्य प्रस्तुत किया गया। इसी क्रम में बच्चों द्वारा बलिदानी भगत सिंह की फांसी पर जीवंत नाटक प्रस्तुत किया गया। ज्ञात हो कि स्वाधीनता के अमृत महोत्सव आयोजन समिति की तरफ से चल रहे विभिन्न कार्यक्रमों से आम जन नें राष्ट्रीयता के भाव जगाने की कोशिश की जा रही है। ज्ञात अमर बलिदानियों के साथ उन अमर बलिदानियों को नमन किया जा रहा है जिनके नाम तक से हम परिचित नहीं हैं।
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