रजिस्ट्री का दबाव पड़ा तो दामाद ने सुपारी किलर से करा दिया मर्डर
पटना। रिटायर्ड बैंक कर्मचारी शैलेंद्र कुमार की हत्या उनके दामाद पवन ने पचास लाख रुपए हड़पने के लिए कराई थी। यह खुलासा बुधवार को पटना पुलिस ने किया है। शैलेंद्र कुमार का दामाद पवन मूल रूप से नालंदा जिले के उतरथू गांव का रहने वाला है। लेकिन, परिवार के साथ पटना के भागवत नगर में रह रहा था। पवन को पता था कि फरवरी में ससुर रिटायर हुए हैं और उनके पास रिटायरमेंट में मिली मोटी रकम है। वह बेटे के नाम पर जमीन खरीदना चाहते हैं। इसे देखते हुए रुपए ठगने का उसने शातिराना प्लान बनाया।
बिहार शरीफ में एक शॉपिंग मॉल के पास की खाली पड़ी दूसरे की जमीन को दिखाया। पवन खुद मीडिएटर बन गया। उसने अपने ससुर को जमीन मालिक से मिलवाया भी नहीं था, लेकिन पैसा ले लिया था। शैलेंद्र कुमार के दो बेटे हैं। बड़ा बेटा दिमागी तौर पर कमजोर है। इसका फायदा उठाते हुए पवन ने बड़े बेटे की पत्नी निभा से ही दूसरी शादी भी कर ली थी। इसके बाद भी शैलेंद्र अपने बड़े बेटे के नाम से जमीन खरीदना चाहते थे। इस बात का भी पवन ने फायदा उठाया। उसने जमीन के नाम पर पचास लाख रुपया अपने ससुर से ठग लिया था। इसमें से करीब 23 लाख रुपया उसने किसी कंपनी में निवेश भी कर दिया। हत्या से कुछ दिन पहले ही शैलेंद्र ने जमीन की रजिस्ट्री के लिए दबाव बनाया। वो रुपए दे चुके थे, इस कारण जल्द से जल्द जमीन की रजिस्ट्री कराना चाहते थे।
इस दबाव को पवन झेल नहीं पा रहा था। उसे डर था कि कहीं उसका फर्जीवाड़ा सामने न आ जाए। इसलिए उसने अपने भाई टिंकू कुमार के साथ मिलकर प्लानिंग रची। इसमें शैलेंद्र की बड़ी बहु रही निभा, जो पवन से दूसरी शादी कर चुकी थी। उसने भी अहम रोल निभाया। भाई की मदद से पवन ने कंकड़बाग के अशोक नगर रोड नंबर चार के रहने वाले शूटर अमर कुमार को हायर किया था। कुल एक लाख रुपए में हत्या की डील तय हुई थी। इसमें शूटर को चालीस हजार रुपए एडवांस भी मिल चुका था। हत्या के वक्त पवन का भाई टिंकू बाइक चला रहा था और शूटर अमर पीछे बैठा था। उसने ही गोली चलाई।
उल्लेखनीय है कि गत पांच जून की सुबह बाइक सवार अपराधियों ने नेशनल हाइवे पर कार से पटना आ रहे रिटायर्ड बैंक स्टाफ शैलेंद कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी थी।अपराधियों ने उन्हें चार गोली दागी थी। जबकि, एक गोली कार चला रहे ड्राइवर को भी मारी थी। इस वारदात को पटना- बख्तियारपुर NH-30 पर फतुहा थाना के तहत अंजाम दिया गया था।
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