अंतिम दर्शन के लिये संतों भक्तों की उमड़ी भीड़, सोमवार को दी जाएंगी समाधि
बलिया। भृगक्षेत्र की पौराणिक परंपराओं पंचकोसी यात्रा, कार्तिक मास में गंगा तट पर कल्पवास, ददरी मेले मे सत्संग, संत सम्मेलन, संतसेवा, यज्ञादि को पुनर्जीवित करने वाले सिद्ध संत स्वामी रामबालक दास जी महाराज का सोमवार को निधन हो गया।
उनके निधन से बलिया से लेकर बांदा, चित्रकूट धाम तक संतों और भक्तों में उदासी छाई है। ज्ञातव्य है कि महाराज जी चित्रकूट के श्रृंगारवन जहाँ भगवान राम सीताजी के श्रृंगार के लिये पुष्प चुनते थे। उस महात्यागी सियाराम दास आश्रम के वर्तमान श्री मंहत भी थे।चित्रकूट धाम के संतों मे अत्यंत लोकप्रिय रामबालक बाबा के निधन से सभी हतप्रभ शोकाकुल हैं। कोरोना महामारी की बंदिशों के बीच मना करने के बाद भी सुरेमनपुर आश्रम पर लोगों का पहुँचना जारी है। इस वीतरागी महात्मा के निधन से जिले मे चहुंओर शोक की लहर है।
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