कार्यशाला में गायन के विविध रूपों पर दिया गया विस्तृत व्याख्यान
बलिया। सतीश चंद्र महाविद्यालय में नटराज सांस्कृतिक क्लब के तत्वावधान में चले सात दिवसीय संगीत (गायन एवं वादन) कार्यशाला का समापन प्राचार्य प्रो. बैकुंठ नाथ पांडेय की उपस्थिति में किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ एक अप्रैल 2025 को महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. बैकुंठ नाथ पांडेय, मुख्य वक्ता डॉ. अरविंद कुमार उपाध्याय महाविद्यालय के प्राध्यापकको तथा छात्र-छात्राओं की उपस्थिति में दीप प्रज्वलित कर किया गया था।
लगातार सात दिनो तक व्याख्यान के साथ ही साथ छात्रों को विविध वाद्य यंत्रों जैसे तबला, ढोलक, हारमोनियम, जल, मजीरा, बासुरी आदि का प्रशिक्षण दिया गया। वाद्य यंत्रों के अतिरिक्त छात्र- छात्राओं को गायन के विविध राग एवं सुर का भी प्रशिक्षण दिया गया। कार्यशाला में गायन के विविध रूप जैसे गजल, कव्वाली, लोकगीत तथा गायन के अन्य रूपों पर विस्तृत व्याख्यान दिया गया। समापन समारोह में कार्यक्रम संयोजक प्रो. माला कुमारी ने बताया कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य रहा है कि छात्र/ छात्राओं को संगीत के विविध वाद्य यंत्रों को संचालित कर उन्हें रोजगार के अवसर भी प्रदान करना है, जहां एक और आधुनिक संगीत का बोलबाला बढ़ रहा है और सांस्कृतिक संगीत धीरे-धीरे पीछे होती जा रही है। ऐसे में सांस्कृतिक संगीत को बढ़ावा दिया जाना आवश्यक महसूस हो रहा है। अपनी परंपरा और संस्कृति को बचाए रखने के लिए भी इस तरह के कार्यक्रमों का होना आवश्यक है।
महाविद्यालय के प्राचार्य बैकुंठ नाथ पांडेय ने समापन भाषण में कार्यक्रम के संयोजक को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों की निरंतर आवश्यकता है जहां एक ओर वर्तमान आधुनिक समय में परंपरागत कलाओं और क्षेत्रीय कलाओं और गीत धीरे-धीरे समाप्त हो रहा है। वहीं आधुनिक गीतों का चलन तेजी से बढ़ता जादा क्षेत्रीय गीतों को भी आधुनिक गीतों के साथ जोड़कर गया जा रहा है। इससे या प्रतीत हो रहा है किकी परंपरागत गीतों में कहीं ना कहीं कमी आ रही है। वर्तमान समय में परंपरागत गीतों और वाद्य यंत्रों को बचाने की आवश्यकता हमारे जिससे हमारी संस्कृति की रक्षा हो सके।
अंत में प्राचार्य महोदय ने उपस्थित सभी छात्र-छात्राओं, प्राध्यापक बंधुओ, मुख्य प्रशिक्षक, डॉ. अरविंद कुमार उपाध्याय, आनंद जी वर्मा, राहुल कुमार रावत, अमन वर्मा तथा अन्य सभी का हृदय से आभार व्यक्त किया।
रिपोर्ट: विनय कुमार
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