आगसा के नेतृत्व में बलिया सदर माॅडल तहसील पर गोंड समुदाय का चल रहा अनिश्चितकालीन धरना
बलिया। विशेष सचिव उ.प्र. समाज कल्याण अनुभाग-3 शासनादेश 2 दिसम्बर 2024 द्वारा मा.प्रमुख सचिव समाज कल्याण अनुभाग-3 शासनादेश 3 नवम्बर 2021 द्वारा दिये गये दिशा दिर्नेश का कड़ाई से अनुपालन करने का निर्देश दिया गया है, का अनुपालन कराने की मांग को लेकर ऑल गोंडवाना स्टूडेन्ट्स एसोसिएशन (आगसा) के नेतृत्व में बलिया सदर माॅडल तहसील पर आदिवासी जनजाति गोंड समुदाय का अनिश्चितकालीन धरना 4 मार्च दिन मंगलवार को 36 वें दिन भी जारी रहा।
धरना दे रहे लोगों ने कहा कि हर सम्पूर्ण समाधान दिवस पर शासनादेश में दिये गये दिशा निर्देश का अनुपालन कराने के लिये पत्रक दिया जाता रहा है जिसके क्रम में उप जिलाधिकारी सदर आत्रेय मिश्रा जी द्वारा लिखित रूप से अवगत कराया है कि उ.प्र. शासन द्वारा निर्गत शासनादेश में दिये गये व्यवस्था एवं जिलाधिकारी महोदय द्वारा स्थानीय स्तर पर निर्गत निर्देश के अनुपालन में स्थलीय एवं अभिलेखीय जांचोपरांत सही पाये जाने पर नियमानुसार गोंड (अनूसूचित जनजाति) का प्रमाण पत्र निर्गत किया जाता है। अपर जिलाधिकारी द्वारा भी लिखित रूप से अवगत कराया गया है कि शासनादेश के क्रम में तहसीलों को गोंड अनुसूचित जनजाति का प्रमाण- पत्र निर्गत करने का निर्देश दिए गए हैं लेकिन वास्तविकता जमीनी सच्चाई यह है कि गोंड जाति प्रमाण पत्र के लिए ऑन लाईन आवेदन करने पर लेखपाल व तहसीलदार द्वारा आवेदन बार- बार अस्वीकृत निरस्त कर दिया जा रहा है! शासन, जिला व तहसील प्रशासन द्वारा केवल कागजी घोड़ा दौड़ाने का काम किया जा रहा है! लेखपाल और तहसीलदारा गण द्वारा शासनादेश में दिये गये दिशा निर्देश का अनुपालन न करना घोर अराजकता है। गोंड समुदाय का उत्पीड़न चरम पर है।
धरना को प्रमुख रूप से सुमित गोंड, रामप्रवेश गोंड, संजय गोंड, अशोक गोंड, सूचित गोंड, महेंद्र गोंड, संतोष गोंड, विनोद गोंड, रघुनाथ गोंड, रामनारायण गोंड, विश्वनाथ गोंड, गोपाल जी, अरविंद गोंड रहे।
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