Tuesday, April 9, 2024

नव वर्ष के रूप में मनाया गया चैत्र शुक्ल प्रतिपदा


   
आरएसएस बलिया द्वारा वर्ष प्रतिपदा उत्सव कार्यक्रम का हुआ आयोजन
बलिया।  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बलिया नगर द्वारा बलिया नगर स्थित सतीशचंद्र कॉलेज के पं. गोरखनाथ उपाध्याय क्रीडांगन में मंगलवार को वर्ष प्रतिपदा उत्सव कार्यक्रम का आयोजन आद्य सरसंघचालक प्रणाम से किया गया। इस मौके पर मुख्य वक्ता बलिया विभाग के विभाग प्रचारक तुलसीराम, सह जिला संघचालक डा.विनोद सिंह, सह नगर संघचालक परमेश्वरनश्री व जिला प्रचारक विशाल ने डा.हेडगेवार एवं गुरुजी के चित्रों पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलित किए। आद्य सरसंघचालक प्रणाम व ध्वजारोहण के बाद कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।

अमृत वचन व एकलगित के बाद मुख्य वक्ता विभाग प्रचारक तुलसीराम ने भारतीय कालगणना को सर्वाधिक पुरातन, श्रेष्ठ एवं पूर्णतः वैज्ञानिक बताया कि हिंदू नववर्ष का आरंभ चैत्र माह से होता है। आज यानी चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि 09 अप्रैल 2024 को हिंदू नववर्ष है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को भारतीय नववर्ष जिसे हिंदू नववर्ष (वर्ष प्रतिपदा)  बसंत के बाद आने वाला जिसे हम मधुमास भी कहते हैं अनेक ऐतिहासिक घटनाओं का साक्षी है। इसी तिथि को भगवान राम का राजतिलक हुआ था, इसी तिथि को सम्राट विक्रमादित्य ने विक्रमी सम्वत की शुरुवात की थी, इसी तिथि को स्वामी दयानन्द सरस्वती ने आर्य समाज की स्थापना की थी। उन्होंने आगे बताया कि आरएसएस के संस्थापक प्रथम सरसंघचालक डॉ केशवराव बलिराव हेडगेवार का जन्म चैत्र शुक्‍ल पक्ष प्रतिपदा अर्थात वर्ष प्रतिपदा को हुआ था। इस कारण स्‍वयंसेवक इस दिन को काफी उत्साह और धूमधाम से मनाते हैं।

उन्होंने कहा कि मान्यता है कि इसी तिथि पर ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना को थी।  इसी दिन से अर्थात विक्रम सम्वत से नए वर्ष की शुरुवात होती है, नवरात्रि प्रारंभ होती है, तथा भगवान राम का जन्म भी इसी तिथि को हुआ था। उन्होंने विमर्श की बात करते हुए कहा कि समाज में विभेद के विरुद्ध विमर्श खड़ा करना तथा समरसता के लिए निरंतर प्रयास करना संघ का लक्ष्य है। अस्पृश्यता समाज के लिए कलंक है। संघ इसे सामाजिक समरसता के जरिये मिटाने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने स्वयंसेवकों से पंच प्रण पूर्ण करने का आह्वान किया। स्वयंसेवकों को सामाजिक परिवर्तन के पांच आयामों पर अपने कार्य को केंद्रित रखना है। इन पांच आयामों में सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी आचरण, नागरिक कर्तव्य शामिल हैं।

उन्होंने उपस्थित व्यक्तियों से आह्वान किया कि वे चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को धूमधाम से नववर्ष मनाएं। इसके बारे में परिवार में लोगों के साथ-साथ अपने बच्चों को भी बताएं। बच्चों को भारतीय संस्कृति के बारे में बताने की ज्यादा जरूरत है। आने वाली पीढ़ी को बताना जरूरी है कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन ही ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी। इस दिन को कई कामों के लिए याद किया जाता है।

इस कार्यक्रम के मुख्य शिक्षक चंद्रशेखर थे। इस अवसर पर जिला प्रचारक विशाल, जिला कार्यवाह हरनाम,  नगर कार्यवाह रवि सोनी, सह नगर कार्यवाह भोलाजी, नगर प्रचारक अविनाश, वीरेंद्र सिंह, ओम प्रकाश वर्मा, चंदन के साथ बलिया नगर के सभी स्वयंसेवक व विचार परिवार के कार्यकर्ता बंधु उपस्थित थे।

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