आरएसएस बलिया द्वारा हर्षोल्लास के साथ मनाया गया रक्षाबंधन उत्सव
बलिया। शहर के बापू भवन, टाउन हाल में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ बलिया के स्वयंसेवक कार्यकर्ताओं समेत विचार परिवार के संगठनों के लोगों व मातृशक्तियों द्वारा 'दिव्य साधना राष्ट्रदेव की, खिले सुगंधित हृदय सुमन। ध्येय एक ही माँ भारत की गूंजे जय जय विश्व गगन।' जैसे सांघिक गीत गाते हुए सामाजिक समरसता के प्रतीक का पर्व रक्षाबंधन उत्सव को बड़े हर्ष के साथ मनाया गया व भगवा ध्वज को रक्षासूत्र बांध गया।
सर्वप्रथम मुख्य वक्ता पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्र बौद्धिक शिक्षण प्रमुख मिथिलेश नारायण, कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की केंद्र प्रभारी बहन बी.के.सुमन, सह जिला संघचालक डॉ. विनोद सिंह व नगर संघचालक बृजमोहन द्वारा धर्म व संस्कृति की रक्षा का संकल्प लेकर भगवाध्वज का पूजन कर रक्षासूत्र बंधा गया।
अपने उद्बोधन में मिथलेश नारायण जी ने संघ द्वारा मनाए जाने वाले छह उत्सवों की विस्तृत व्याख्या करते हुए बताया कि भारत वर्ष उत्सवों का देश है। रक्षाबंधन का त्योहार हर साल श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ वर्ष भर में छह उत्सव मनाता है, जिसमें एक प्रमुख उत्सव रक्षाबंधन उत्सव है जो छह उत्सवों के क्रम में चतुर्थ स्थान पर आता है , यह उत्सव रक्षा का संकल्प दिलाता है। उन्होंने आगे बताया कि रक्षाबंधन सिर्फ भाई-बहन का ही उत्सव नहीं है, अपितु राष्ट्र व समाज की रक्षा का भी संकल्प है। इसलिए परम पवित्र भगवा ध्वज को रक्षा सूत्र बांधते हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ विशाल हिंदू समाज को जागृत करने के लिए रक्षाबंधन जैसे उत्सव को प्रतिवर्ष मनाता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने हिंदू समाज के इस गौरवशाली एवं भावना प्रधान पर्व को व्यक्तिगत स्तर के स्थान पर सामाजिक स्तर मनाने की परंपरा डाली है।
उन्होंने आगे बताया कि आत्म रक्षा की आवश्यकता तथा शरण में आए किसी प्राणी की रक्षा करना हिंदू समाज में पावन उत्तरदायित्व समझा जाता है ।इतिहास में ऐसे अनेक उदाहरण आते हैं जब वीर पुरुष आत्मरक्षा और शरणागत की रक्षा के लिए अपने प्राणों की भी परवाह नहीं करते थे। इन वीरों को उत्साहित तथा प्रेरित करने के लिए वीर पत्नियां, सारी बहनें और माताएं रणभूमि हेतु प्रस्थान के पूर्व उन्हें रक्षासूत्र बांधकर उनकी रक्षा के लिए संकल्प करती थी। साथ ही वीरों की रक्षा के लिए परमपिता से प्रार्थना करती थी।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में बहन बी.के. सुमन ने रक्षाबंधन के आध्यात्मिक रहस्य पर चर्चा करते हुए कहा कि रक्षाबंधन का यह त्यौहार हमें पवित्रता के ढृढ़ व्रत एवं मर्यादाओं के मीठे बंधन की याद दिलाता है। यह रक्षा सूत्र मन, वचन कर्म की पवित्रता तथा प्रतिज्ञा का सूचक है। इस कार्यक्रम के मुख्य शिक्षक सह नगर शारीरिक शिक्षण प्रमुख भोला थे तथा अतिथियों का परिचय नगर कार्यवाह ओम प्रकाश राय जी द्वारा कराया गया।
इस अवसर पर उपरोक्त बंधूओं के साथ सह नगर संघचालक परमेश्वरनश्री, विभाग प्रचारक तुलसीराम, जिला कार्यवाह हरनाम, सह जिला कार्यवाह अरुण कुमार मणि, जिला प्रचारक विशाल के साथ विभाग, जिला व नगर कार्यकारिणी के कार्यकर्ताओं के साथ सभी शाखाओं के स्वयंसेवक, विचार परिवार के बन्ध व मातृशक्तियां उपस्थित थीं। उपरोक्त जानकारी जिला प्रचार प्रमुख मारुति नन्दन द्वारा दी गयी।
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