जेएनसीयू में गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर हुआ राष्ट्रीय वेबिनार
बलिया। जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर कल्पलता पाण्डेय के कुशल मार्गदर्शन और संरक्षण में गाँधी जयंती की पूर्व संध्या पर विश्वविद्यालय सभागार में अंग्रेजी तथा समाजशास्त्र विभाग द्वारा संयुक्त रूप से "गाँधी: वर्तमान सन्दर्भ में" विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया।
उक्त कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. अमित कुमार मिश्रा, स्कूल ऑफ ग्लोबल हिस्ट्री,अम्बेडकर विश्वविद्यालय, नई दिल्ली रहे। डॉ. मिश्रा ने वर्तमान समय के विरोधाभासी विश्व व्यवस्था में गांधी जी के विचारों और गाँधीयन मूल्यों की प्रासंगिकता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि गाँधी जी के विषय में प्रायः यह भ्रामक विचार प्रचलित रहा है कि वे आधुनिकता के विरोधी थे। जबकि वास्तविकता यह है गांधी जी 'भौतिकतावादी आधुनिकता' के विरोधी थे। आज जहाँ सूचना, संचार के मिथ्याजाल से विश्व जूझ रहा है, आधुनिक तकनीकी युग में 'सत्य' की जगह 'पोस्ट ट्रुथ' की बातें हो रहीं है। वहाँ गाँधी जी का नैतिक, सत्यनिष्ठ और मानव केन्द्रित दर्शन आधुनिक जगत को राह दिखा सकता है। गाँधी जी का मानना था कि मानव मात्र की जीवनशैली आधुनिक से कहीं आगे नैतिक होनी चाहिए। गाँधी जी के इन्हीं विचारों पर चल कर विरोधाभासी सामाजिक, आर्थिक, व्यवस्था के बीच तालमेल बना कर चला जा सकता है। गांधी जी के आर्थिक, सांस्कृतिक व पर्यावरणीय विचार वर्तमान में भी सर्वथा प्रासंगिक हैं।
कार्यक्रम का अध्यक्षीय उदबोधन निदेशक शैक्षणिक डॉ. पुष्पा मिश्रा द्वारा दिया गया। कार्यक्रम के आयोजक सचिव अंग्रेजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार चौबे तथा कार्यक्रम संयोजक समाजशास्त्र विभाग की अध्यक्ष डॉ. प्रियंका सिंह रहीं। कार्यक्रम प्रारम्भ में मुख्य अतिथि का परिचय डॉ. विवेक कुमार यादव द्वारा दिया गया तथा कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. स्मिता त्रिपाठी व धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अभिषेक त्रिपाठी द्वारा किया गया।
कार्यक्रम के समापन पर डॉ. अजय कुमार चौबे द्वारा संपादित पुस्तक "गांधी अक्रॉस डीसिप्लिन्स" के आवरण पृष्ठ का अनावरण किया गया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के डॉ प्रमोद शंकर पाण्डेय, छात्र-छात्राओं सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों की आभासी व भौतिक उपस्थिति रही।
रिपोर्ट: विनय कुमार
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