तुलसीदास की जयंती पर बापू भवन में आयोजित हुई तुलसी के राम समारोह
बलिया। तुलसी के राम का बलिया से गहरा नाता, लखनेश्वरडीह, कामेश्वरधाम और भरौली उजियार होकर ब्रह्मर्षि विश्वामित्र संग गए थे सिद्धाश्रम।
उपरोक्त बात आजादी के अमृतमहोत्सव पर अयोध्या शोध संस्थान, संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा प्रदेश के बारह जिलों में तुलसीदास की जयंती पर आयोजित तुलसी के राम समारोह बापू भवन टाऊन हाल में विषय प्रर्वतन करते हुए शिवकुमार सिंह कौशिकेय ने बताया। देर रात्रि तक चले समारोह में बलिया के तुलसीदास डॉ अमलदार नीहार ने स्वरचित दोहों -
रामचरित मानस विमल, सन्तन जीवन प्रान।
उत्तम कथन रहीम का, मोले वेद-कुरान ।।
है तुलसी का राम, जो समझो ब्रह्म विराट।
के माध्यम से रामचरित मानस और राम को सभी धर्मो की पुस्तकों का सार बताया। मानस मर्मज्ञ विजय नारायण शरण ने लालित्यपूर्ण ढ़ंग से पूरी रामकथा सुनाया।
सियाराम मय सब जग जानीं,
करऊँ प्रनाम जोरि जुग पानीं।
बताते हुए मानस से आत्मबोध करने की बात कही। प्रो.यशवंत सिंह ने आधुनिक साहित्य और रामचरित मानस पर चर्चा किया। गीतकार शशिप्रेम ने सांस्कृतिक गौरव की पुनर्स्थापना के प्रयासों से देश में परिलक्षित होने वाले सुखद परिवर्तनों को अपने गीत में समाहित करते हुए कहा -
ढूँढ रहे हैं ठौर सुरक्षित भय के मारे
तेजस्वी सूरज से बचने को अँधियारे
फैल रहा है चप्पा-चप्पा केसरिया उजियार
कि भारत बदल रहा है !'
इस अवसर पर जिले के पाँच मूर्धन्य रचनाकारों डॉ. अमलदार नीहार, डॉ. जनार्दन राय, प्रो.यशवंत सिंह, डॉ. नरेन्द्र कुमार तिवारी और बृजमोहन प्रसाद अनारी को सारस्वत सम्मान से तथा वरिष्ठ पत्रकार अशोक जी को पत्रकारिता सम्मान से सम्मानित किया गया। प्रख्यात संगीतकार विजय प्रकाश पाण्डेय ने भजन प्रस्तुत किया।
सुदर्शन सिंह, रवि वर्मा, श्वेतांक सिंह, डॉ.कादम्बिनी सिंह, रामेश्वर सिंह, संजय सिंह, विंध्याचल सिंह, राधिका तिवारी , शिवजी पाण्डेय रसराज, फतेहचन्द बेचैन, डॉ. नवचंद तिवारी, अजीत तिवारी, डॉ. अरविन्द उपाध्याय, डॉ. राजेन्द्र भारती, पंकज कुमार, सुमित, बृजेश राय, विनोद यादव की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। अध्यक्षता द वैदिक प्रभात फांउडेशन के संस्थापक बद्री विशाल जी ने तथा संचालन शशिप्रेम ने और आभार जागरूक संस्थान के सचिव अभय सिंह कुशवाहा ने व्यक्त किया।
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