Wednesday, September 1, 2021

ऑफ सीजन खेती के लिए लो पॉली टनल तकनीकी परियोजना का हुआ शुभारम्भ

गोष्ठी में किसानों को दी गयीं परियोजना की जानकारी
बलिया। राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक नाबार्ड के वित्तीय सहयोग माँ सुरसरी सेवा संस्थान कथरिया द्वारा गड़वार ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय, थुम्हाउत्तम पर 20 लघु एवं सीमांत किसानों के सामाजिक एवं आर्थिक उन्नयन हेतु एफएस पीएफ परियोजना के अंतर्गत ऑफ सीजन खेती के लिए लो पॉली टनल तकनीकी परियोजना का शुभारम्भ मुख्य अतिथि अखिलेश कुमार झा, जिला विकास प्रबंधक, नाबार्ड ने द्वीप प्रज्वलन कर किया। इस दौरान किसानों को परियोजना की जानकारी देने के लिए जागरूकता कार्यक्रम और किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। 
इस दौरान मुख्य अतिथि अखिलेश कुमार झा ने चयनित किसानों के लो पॉली टनल तकनीकी की जानकारी देते हुए उम्मीद व्यक्त किया कि परियोजना से जुड़कर किसान आफ सीजन सब्जी की खेती बड़े पैमाने पर करने लगेंगे। जिससे उनका आर्थिक विकास हो सकेगा। साथ ही क्षेत्र के अन्य किसानों के लिए मार्गदर्शक बनने का कार्य करेंगे। जागरूकता कार्यक्रम एवं किसान गोष्ठी के दौरान परियोजना प्रमुख डॉ अशोक कुमार सिंह, विभागाध्यक्ष टीडी कॉलेज बलिया ने किसानों को उक्त परियोजना के बारे में बताया कि लो पॉली टनल का अपना एक सूक्ष्म वातावरण होता है जो तापमान, नमी, आपेक्षिक आद्रता, पोषण तथा वृद्धि एवं विकास को नियंत्रित करता है। इसलिए आफ सीजन सब्जियों की खेती इस तकनीक से उपयोगी एवं लाभदायक है। लो पॉली टनल  में पतिदार, जड़वाली, कंद वाली तथा फल फूल वाली सभी प्रकार के सब्जियों की खेती करना आसान है। दूसरी तरफ इसमें सिंचाई प्रबंधन, खाद उर्वरक प्रबंधन, रोग व कीट प्रबंधन एवं मृदा का संरक्षण करना आसान एवं कम खर्चीला है। इस तकनीक के माध्यम से किसान अपनाकर अपना सामाजिक एवं आर्थिक विकास कर आत्मनिर्भर बन सकते हैं। विशेषज्ञ हरिशंकर वर्मा ने कहा कि लो पॉली टनल तकनीकी के माध्यम से किसान बेमौसम सब्जियों का उत्पादन कर बाजार में बेचकर अत्यधिक लाभ कमा सकते हैं। उन्होंने बताया कि सब्जी खेती की विधा लो पॉली टनल तकनीकी एक सर्वोत्तम तकनीकी है, जिसमे प्लास्टिक के कम ऊँचाई के पाली हाउस बनाए जाते हैं। इस तकनीक से खेती करने पर एक तरफ ऑफ सीजन सब्जियों की उपलब्धता से किसानों को सम्मानजनक आय होती हैं। वही दूसरी तरफ फसल वर्षा, गर्मी, सर्दी, किट एवं व्याधियों से सुरक्षित रहती है। 

कार्यक्रम के दौरान किसानो के खेत पर जाकर उनकी समस्याओं का उचित जानकारी देकर समाधान किया गया। कार्यक्रम का संचालन माँ सुरसरी सेवा संस्थान, कथरिया के सचिव डॉ सुधीर कुमार सिंह ने किया। इस दौरान परियोजना प्रबंधक जयप्रकाश सिंह, कार्यक्रम प्रभारी राजनारायण सिंह सहित शाहपुर, कोटवा एवं थुम्हाउत्तम गांव के सभी चयनित किसान मौजूद रहे।

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