बाल संत धनुष दास जी महाराज ने नगवा स्थित त्रिदंडी देव धाम पर व्यक्त किए उद्गार
दुबहड़ (बलिया)। प्रभु श्रीराम का सम्पूर्ण जीवन सामाजिक समरसता का अद्भुत उदाहरण है। भगवान श्रीराम ने अपने वनवास के दौरान समाज के अंतिम व्यक्ति को गले लगाया।
उक्त बातें बाल संत धनुष दास जी महाराज ने नगवा स्थित त्रिदंडी देव धाम पर पत्र प्रतिनिधियों से बात करते हुए कही। उन्होंने कहा कि भगवान राम ने अपने आचरणों से हर किसी के लिए एक उदाहरण स्थापित किया। श्रीराम ने त्याग और तपस्या का मार्ग अपनाकर कठिन परिस्थितियों से जूझकर लोगों को आगे बढ़ने का रास्ता दिखाया। कठिनाई व संघर्ष के साथ जीवन व्यतीत करने के बाद श्रीराम से मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम कहलाए।
भगवान श्रीराम का जीवन मर्यादा के दायरे में रहकर कर्तव्यों का पालन करने की सीख देता है। वर्तमान परिवेश में भगवान राम के चरित्र से हमें प्रेरणा मिलती है कि समाज के प्रति, परिवार के प्रति, धर्म के प्रति व राष्ट्र के प्रति हमारा क्या उत्तरदायित्व होना चाहिए। प्रभु श्रीराम के जीवन चरित्र को आत्मसात करके ही हम वैभवशाली भारत का निर्माण कर सकते हैं।
रिपोर्ट: रणजीत सिंह
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