Friday, January 12, 2024

लिटिल किंगडम स्कूल में मनाई गई स्वामी विवेकानन्द जयंती

स्वामीजी के जीवन से जुड़े विभिन्न प्रेरक प्रसंगों पर हुई चर्चा
पटना।  राष्ट्रीय युवा योजना, बिहार द्वारा शुक्रवार को स्वामी विवेकानंद जी की जयंती सह राष्ट्रीय युवा दिवस हर्षोल्लास के साथ लिटिल किंगडम स्कूल में मनाया गया। जिसमें मुख्य अतिथि सर्व धर्म समाज, शिवपुर यूनिट की प्रभारी शुबी चंद, मंजू शरण मंजूषा द्वारा संचालित सिलाई केंद्र की संचालिका अमृता कुमारी, प्रेणना दी टूटॉरियल की शिक्षिका कैकसा, रुकसार परवीण उपस्थित हुए। 
कार्यक्रम का शुरुआत सभी अतिथियों द्वारा स्वामी विवेकानंद जी पर पुष्पांजलि, दीप प्रजवलित और माल्यार्पण कर किया गया। युवाओं को सम्बोधित करते शुबी चंद ने कहाँ कि स्वामी विवेकानंद जी का स्मरण शक्ति बहुत अधिक थी। ये हम सभी भाईजी के द्वारा बताए मौन संगीत से जगा सकते हैं। आप सभी प्रतिदिन 5 मिनट मौन संगीत का आनंद लीजिये। अमृता बहन ने कहाँ कि आज युवा दिवस के दिन हम सभी को प्रण लेने का दिन हैं। हम सभी सम्पूर्ण ऊर्जा के साथ अपना, समाज, देश के विकास में लगाने का लेना होगा। 
 राष्ट्रीय युवा योजना, बिहार के सचिव नीरज काँस्याकार ने स्वामी विवेकानंद के जीवन की कहानी बताते हुए सर्व धर्म प्रार्थना का आयोजन किया गया। प्रार्थना के बाद सभी के समक्ष कहानी के रूप में कहे कि स्वामी विवेकानंद के पास पंजाब से कुछ लोग कलकत्ता आए मोक्ष प्राप्ति के लिए मार्ग पूछ रहे थे तो उस समय पंजाब में सूखा पड़ा हुआ था। तो स्वामी विवेकानंद सभी पूछने लगे वहाँ पेड़ सुख रहा होगा, जीव मर रहे होंगे आदि पूछे पर वह बोले की हाँ हाँ हो रहा पर मुझे क्या हैं उसे छोड़िये मुझे मोक्ष का मार्ग बताए। तो स्वामी विवेकानंद ने कहाँ कि जब आपके सामने कोई कुत्ता भी भूका हैं तो आपका धर्म कहता हैं उसे भोजन दे। ये आप करते हैं तो मोक्ष खुद व खुद प्राप्त होगा। 
 पीहू कुमारी ने कहाँ कि एक दिन की बात हैं कि स्वामी विवेकानंद कहीं गए थे उन्हें खूब बन्दर मिला तो वो डर गए। तो उनके गुरु ने समझाया की कोई तुम्हें तब तक डराता हैं ज़ब तक आप डरते हैं। उनके जैसा बन तुम उसके पास जाओगे तो खुद वह डरेंगे। तो स्वामी विवेकानंद जी बड़े आँख कर बन्दर को दिखाने लगे तब सब भाग गए। उसी प्रकार हमें भी हर मुश्किल से लड़ने को तैयार रहना चाहिए। फिर अनेक गीत के माध्यम से स्वामी जी को याद किया गया 
 अंत में एक दुलारा देश हमारा गीत गा कर सभा को समाप्त किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में ख़ुशी, सलोनी, सोनी, रौशनी, तौफीक आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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