Tuesday, May 23, 2023

धूमधाम से मनाया गया विश्व कछुआ दिवस

सुरहाताल व समस्त रेंजों में जन जागरूकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन
बलिया। उत्तर प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड के निर्देश के क्रम में 23 मई मंगलवार को विश्व कछुआ दिवस के अवसर पर वी०के० आनन्द, प्रभागीय निदेशक, सामाजिक वानिकी प्रभाग बलिया के निर्देशन में वन विभाग बलिया द्वारा सुरहाताल व समस्त रेंजों में जनजागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें जलीय पारिस्थितिकी तन्त्र में कछुओं के महत्व पर परिचर्चा व मनन किया गया।

कछुए दोनों प्रकार के जल अर्थात मीठे व खारे जल में रह सकते है। सम्पूर्ण विश्व में पाई जाने वाली कछुओं की लगभग 300 प्रजातियों में से 129 प्रजातियां संकटग्रस्त है। माना जाता है कि कछुए विश्व के सर्वाधिक प्राचीन सरीसृप समूहों में से एक है। ये लगभग 20 करोड़ वर्ष पूर्व डायनासोर के साथ भी धरती पर पाये जाते थे। कछुओं एवं उनके आवास के सम्बन्ध में जागरूकता उत्पन्न करने हेतु प्रतिवर्ष 23 मई, विश्व कछुआ दिवस (World Turtle day) के रूप में मनाया जाता है। वर्ष 2000 के बाद से प्रत्येक वर्ष एक अमेरिकी गैर लाभकारी संगठन अमेरिकन टारटाईज रेस्क्यू द्वारा विश्व कछुआ दिवस का आयोजन किया जाता है।

मान्यता है कि स्तनधारियों पक्षियों, सर्पों एवं छिपकलियों से भी पहले कछुओं का आविर्भाव इस धरती पर हो चुका था। हमारे देश व प्रदेश में कछुए अधिकतर नदियों और तालाबों में पाए जाते है। हमारी धरती पर पाई जाने वाली कछुओं की प्रजातियों में से कुछ स्थल व कुछ जल में रहती है। उत्तर प्रदेश में साफ पानी के कछुओं की 14 प्रजातियां अभिलिखित की गई है। सम्पूर्ण विश्व में कछुओं की संख्या में कमी आने के कारण इनके संरक्षण हेतु जन सामान्य को जागरूक किये जाने की आवश्यकता है।

इस अवसर पर कछुओं के संरक्षण के प्रति आम जनमानस में जागरुकता संवेदनशीलता उत्पन्न करने हेतु विभिन्न जलीय स्रोतों के निकट आयोजन किया जा रहा है। कछुओं का शिकार पूर्ण रूप से प्रतिबन्धित है तथा वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 51 के तहत दण्डनीय अपराध है।
रिपोर्ट: असगर अली

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