Sunday, February 12, 2023

अपनी शाखाओं के माध्यम से व्यक्ति निर्माण का कार्य करता है संघ

शाखा संगम कार्यक्रम में जुटे नगर के सभी स्वयं सेवक
बलिया। एक मैदान, 21 शाखाएं और सैकड़ों स्वयं सेवक। ऐसा अदभुत दृश्य देखने को मिला बलिया नगर स्थित श्री मुरली मनोहर टाउन डिग्री कॉलेज के मैदान में, जहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बलिया नगर के शाखा संगम कार्यक्रम में नगर के सभी स्वयंसेवक जुटे थे। शाखा संगम के पूर्व टाउन डिग्री कॉलेज के पूरे मैदान पर सफेद चूने से बड़े-बड़े ब्लॉक बनाए गए थे, इन ब्लॉकों में बलिया नगर के विभिन्न बस्ती क्षेत्र में लगने वाली शाखाओं के स्वयंसेवकों द्वारा शाखाएं लगाई गयी तथा सवा घण्टे तक शारीरिक, बौद्विक एवं विभिन्न प्रकार के खेल, सूर्य नमस्कार, आसन तथा व्यायाम योग का अभ्यास भी कराया गया।
इस अवसर पर अपने बौद्धिक में सह जिला संघचालक डॉ. विनोद जी ने कहा कि संगठन गढ़े चलो सुपंथ पर बढ़े चलो, भला हो जिसमें देश का वो काम सब किये चलो जैसे सांघिक गीत का जो भाव है वही संघ का मूल है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना किसी को डराने या किसी प्रतिकार में नहीं हुई। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना भारत को शक्तिशाली करने के लिए हुई। क्योंकि जब भारत मजबूत होगा तो पूरा विश्व मजबूत होगा व विश्व में शांति होगी। आज संघ किसी की पहचान की मोहताज नहीं है। संघ अपनी शाखाओं के माध्यम से व्यक्ति निर्माण का कार्य करता है। संघ अपने स्थापना काल से ही स्वयंसेवकों के सहारे राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक का शारीरिक, सामाजिक एवं बौद्धिक विकास पर ध्यान देता आ रहा है, जिससे लोग संस्कारवान व अनुशासित बने।

उन्होंने आगे बताया कि हिंदुओ को संगठित करने व भारत पुनः विश्व गुरु के सिंहासन पर आसीन हो इस उद्देश्य से सन 1925 में परम पूज्य डॉ. केशवराव बलिराम हेडगेवार जी ने पांच-छह छोटे बालकों को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शुरुवात किया था। शक्ति की उपासना ही संघ की स्थापना का मूल उद्देश्य है। उन्होंने सामाजिक समरसता के उदाहरण देते हुए स्वयंसेवकों में समरस समाज का भाव जगाने के साथ ही समय समर्पण बढ़ाने की बात कही। उन्होंने कहा कि समाज में संघ कार्य की स्वीकार्यता के साथ ही संगठन के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है। शाखा में स्वयंसेवक अनुशासन सीखते हैं। इसमें हर आयु़ वर्ग के व्यक्ति भाग लेते हैं। बाल, तरुण, प्रौढ़ सभी वर्ग के लोग आपस में सामंजस्य स्थापित करते हैं। वे सामाजिक समरसता, देश की सभ्यता व संस्कृति से परिचित होते हैं। हर व्यक्ति को संघ की शाखा में सम्मिलित होना चाहिए। शाखा में व्यक्ति का बौद्धिक विकास व चरित्र निर्माण होता है। वह मानसिक व शारीरिक रूप से सबल बनता है। एक घंटा की शाखा की अवधि में पहले भगवा ध्वज फहराया जाता है। जो हमारे धर्म व संस्कृति का प्रतीक है। शाखा में ध्वज फहराने के पश्चात सूर्य नमस्कार, योग, व्यायाम, खेल, देशभक्ति गीत होते हैं। इससे लोगों में राष्ट्रप्रेम का भाव जागृत किया जाता है। ताकि सामाजिक परिवर्तन आए। हमारा देश विश्वगुरु बने इस दिशा में सकारात्मक प्रयास किया जा रहा है। 

अंत में संघ की सामूहिक प्रार्थना के बाद शाखाएं विकिर हुई। इस कार्यक्रम के मुख्य शिक्षक नगर शारीरिक शिक्षण प्रमुख चन्द्रशेखर जी रहे। इस अवसर पर सह जिला संघचालक डॉ. विनोद जी, सह नगर संघचालक परमेश्वरनश्री, जिला कार्यवाह हरनाम जी, सह नगर कार्यवाह रवि, नगर प्रचारक विशाल के साथ विभाग, जिला, नगर कार्यकारिणी के कार्यकर्ता व विचार परिवार के कार्यकर्ताओं के साथ विभिन्न शाखाओं के सैकड़ों स्वयंसेवक उपस्थित थे। उपरोक्त जानकारी प्रचार प्रमुख मारुति नन्दन द्वारा दी गयी।

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