पूर्णाहुति के अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं का पूरे दिन लगा रहा तांता
बलिया। महावीर घाट स्थित गायत्री शक्तिपीठ के प्रांगण में 108 कुन्डीय गायत्री महायज्ञ के चौथे दिन बुधवार को शान्तिकुंज हरिद्वार से आये विद्वान आचार्यों ने गायत्री महायज्ञ के दौरान कहा कि पर्यावरण को शुद्ध रखने का एक मात्र उपाय यज्ञ ही है। जिसे सबको नियमित करना चाहिए।
पूर्णाहुति के अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं का तांता पूरे दिन लगा रहा। यज्ञ के बाद शांतिकुंज की टोली को अंगवस्त्र से सम्मानित कर विदाई किया गया। साथ ही सभी कार्यकर्ताओं आशीर्वाद व प्रसाद देकर विदा किया गया। शान्तिकुंज हरिद्वार से पधारे आचार्य सर्वेश कुमार शर्मा ने श्रोताओं को समझाते हुए कहा कि एक ढाबा पर लिखा था कि भोजन आप करो, बिल आपकी आने वाली पीढ़ी चुकायेगी। यह देख कर एक व्यक्ति ने भोजन किया उसके बाद वेटर ने हजारों रुपए का बिल थमा दिया। उसने कहा कि आप तो अपने रेस्टोरेंट पर लिखा है कि भोजन आप करो और पैसा आपकी अगली पीढ़ी चुकायेगी। इस पर रेस्टोरेंट के मैनेजर ने कहा कि यह आपका नहीं है आपके पिछली पीढ़ी का है। यह संसार एक होटल है, इसी तरह से लोग पर्यावरण को प्रदुषित करते रहे तो वह दिन आयेगा की श्वास लेने के लिए आक्सीजन का सिलेन्डर लेकर घूम ना पड़ेगा। हमारा समाज जिस तरह से पानी को नुकसान कर रहा। अगर हम अभी से नहीं चेते तो हजारों-लाखों रुपए का पानी खरीदना पड़ेगा। जल बचाने और पर्यावरण को शुद्ध रखें।
आगे कहा कि पदार्थ का तीन रुप होता है ठोस, द्रव व गैस। जैसे छोटी बीमारी होने पर डाक्टर पहले टैबलेट देता है। आराम नहीं मिलता तो सूई लगाता है। अंत में आक्सीजन देना पड़ता है। हवन सामग्री ठोस होता है उसे हवन करके हम गैस बनाते है जिससे इसका गुण तुंरत हजारों गुना बढ़ जाता है। यज्ञ सारे बीमारियों का नास करता। यज्ञ हमारे पिता है और गायत्री हमारी माता है,इसे कभी न छोड़ें।
शक्तिपीठ प्रमुख विजेन्द्र नाथ चौबे ने सभी आगंतुकों के प्रति आभार प्रकट किया। और कार्यकर्ताओं को महती भूमिका व योगदान देने के लिए खूब सराहा।
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