Thursday, November 17, 2022

देश की सांस्कृतिक विरासत है गंगा: शलभ उपाध्याय

मुरली छपरा स्थित जय प्रकाश नारायण ट्रस्ट के सभागार में शुरू हुआ गंगा दूतों का दो दिवसीय प्रशिक्षण
बलिया। नेहरू युवा केंद्र बलिया के तत्वावधान में नमामि गंगे कार्यक्रम में युवाओं की सहभागिता परियोजना के अन्तर्गत गंगा दूतों का दो दिवसीय प्रशिक्षण मुरली छपरा  स्थित जय प्रकाश नारायण ट्रस्ट जयप्रकाश नगर के सभागार में प्रारम्भ हुआ।
प्रथम दिन के प्रशिक्षण की शुरुआत मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर नमामि गंगे के जिला परियोजना अधिकारी शलभ उपाध्याय ने किया। उपस्थित गंगा दूतो को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि नदियों की स्वच्छता की जिम्मेदारी प्रत्येक नागरिक की है। गंगा का स्थान हर भारतीय के दिल में खास है। अद्वितीय सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व रखने वाली गंगा देश की सबसे पवित्र नदी है। 2500 किलो मीटर से अधिक लम्बा सफर तय करने वाली गंगा को लोग उसके उद्गम स्थल गंगोत्री ग्लेशियर से लेकर बांग्लादेश के सुंदरवन डेल्टा तक प्रयोग करते और पूजते हैं। गंगा बेसिन में देश के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा उत्पन्न होता है और यह देश का महत्त्वपूर्ण पर्यावरण और आर्थिक संसाधन है। अपनी लम्बी यात्रा के दौरान गंगा नदी मैदानी इलाकों की विशाल भूमि को समृद्ध करती है और इसके सहारे लगभग 50 प्रमुख शहरों और सैकड़ों छोटे शहरों का जीवन चलता है। कहा कि गंगा नदी में प्रदूषण का बढ़ना राष्ट्र  के साथ मानवता पर एक गम्भीर संकट है। जिला प्रशिक्षक नितेश पाठक व सोनू देव यादव ने उपस्थित गंगा दूतों को विस्तार से प्रशिक्षित किया। 

इस मौके पर प्रमुख रूप से राजू यादव, वर्धन पाठक, रोहित उपाध्याय, पंकज, मनीष, ओम प्रकाश, सुनील, राहुल, सोनू, युवराज, छोटू, रवि, धुपन, शैलेश,   ममता, वंदना, रोशनी, सिपु, दिवाकर, प्रदीप, मनीष, आयुष आकाश, वर्धन पाठक, ओमकार सिंह आदि लोग मौजूद रहे। संचालन ओमकार नाथ सिंह ने किया।

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