मनाई गई देश की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्री बाई फूले की जयंती
रसड़ा (बलिया)। आज समाज व देश में महिलाआें की बेहतर स्थिति के पीछे निसंदेह सावित्री बाई फूले व उनके पति ज्योति राव फूले के संघर्षों का परिणाम है। साबित्री बाई फूले ने पूरे देश में महिला शिक्षा का अलख जगाया और उनके इस योगदान के लिए सदैव याद किया जाता रहेगा।
रसड़ा गांधी पार्क में सोमवार को माली विकास मंच के तत्वावधान में आयोजित देश की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्री बाई फूले की जयंती एवं जन सम्मान समारोह को संबोधित करते मुख्य अतिथि माली विकास मंच के प्रदेश अध्यक्ष डा. एसके सैनी ने उपर्युक्त बातें कहीं। इसके पूर्व उन्होंने कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि ज्ञानेश्वर माली सहित कार्यक्रम संयोजक शिवजी माली, अखिलेश सैनी के साथ सावित्री बाई फूले के चित्र पर पुष्प अर्पित कर एवं दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। संगठन मंत्री प्रमोद सैनी ने कहा कि माली समाज संगठित व शिक्षित होकर अपने सामाजिक व राजनीतिक अधिकारों के लिए संघर्ष करे। विभिन्न राजनीतिक पार्टियों ने अब तक माली समाज को सिर्फ छलने का कार्य किया है। माली समाज अपनी एकता व संख्या बल की ताकत का एहसास कराये तभी समाज व महापुरूषों का सम्मान बचेगा। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल में माली समाज के एकता के अभाव के चलते समाज का कोई बेटा सदन तक नहीं पहुंच सका हमें इस विडंबना को तोड़ना होगा।
समारोह को कन्हैया लाल माली, शिवजी माली, नवलजी, राधेश्याम माली, राजेंद्र, त्रिभुवन, नथुनी, कन्हैया, उमाशंकर माली, शैलेंद्र, बीरबल आदि ने संबोधित किया। अध्यक्षता कन्हैया माली व संचालन कृपाशंकर माली ने किया।
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