भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण करेगा जांच
वाराणसी। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद मामले में गुरुवार को कोर्ट का बड़ा फैसला आया। कोर्ट ने भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण को मामले में जांच करने की मंजूरी दे दी है। साथ ही जांच का खर्च भी राज्य सरकार उठाएगी। कोर्ट ने आदेश में कहा है कि 5 लोगों की कमेटी बनाई जाए और खुदाई की जाए। कमेटी में 2 अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को भी रखा जाए।
उल्लेखनीय है कि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद मामले में 2019 दिसंबर से पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने को लेकर कोर्ट में बहस चल रही थी। वाराणसी फार्स्ट ट्रैक कोर्ट के जज आशुतोष तिवारी ने काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद मामले में अहम फैसला सुनाया। वाराणसी फार्स्ट ट्रैक कोर्ट के जज आशुतोष तिवारी ने सर्वे कराकर आख्या प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। आपको हता दें कि दिसंबर 2019 में अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी ने सिविल जज की अदालत में स्वयंभु ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वर की ओर से एक याचिका दायर की थी, जिसमें एएसआई द्वारा संपूर्ण ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण करने का अनुरोध किया गया था।
याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण लगभग 2,050 साल पहले महाराजा विक्रमादित्य ने करवाया था, लेकिन मुगल सम्राट औरंगजेब ने सन 1664 में मंदिर को नष्ट कर दिया था। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि इसके अवशेषों का इस्तेमाल मस्जिद बनाने के लिए किया था, जिसे मंदिर भूमि पर निर्मित ज्ञानवापी मस्जिद के रूप में जाना जाता है। याचिकाकर्ता ने अदालत से मंदिर की जमीन से मस्जिद को हटाने का निर्देश जारी करने और मंदिर ट्रस्ट को अपना कब्जा वापस देने का अनुरोध किया था।
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