चंद्रशेखर विवि में विश्व पर्यावरण दिवस पर पौधरोपण एवं संगोष्ठी का हुआ आयोजन
बलिया। जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय में 05 जून दिन सोमवार को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पौधरोपण एवं संगोष्ठी का कार्यक्रम आयोजित किया गया। सर्वप्रथम मुख्य अतिथि श्रीमती केतकी सिंह तथा कुलपति प्रो० संजीत कुमार गुप्ता, एवं शिक्षकों एवं छात्र/छात्राओं द्वारा परिसर में बरगद, नीम एवं पाकड़ आदि 51 वृक्ष लगाये गए। तत्पश्चात “हरित जीवन शैली” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
संगोष्ठी में मुख्य अतिथि बांसडीह माननीय विधायक श्रीमती केतकी सिंह ने कहा कि हर वस्तु जिसका भी हम प्रपोजल करते है उसका डिस्पोजल होना भी अत्यंत जरूरी होता है तभी पृथ्वी का संतुलन बना रह सकता है। उन्होंने जीवन और मृत्यु का उदाहरण दे कर पर्यावरण के प्रति जागरूक रहने का सन्देश दिया। उन्होंने प्लास्टिक के उपयोग और उसके जीवन चक्र के बारे में बतलाया और इस पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि हमे प्लास्टिक के स्थान पर कांच, लकड़ी और अन्य पदार्थ से बने समानों का उपयोग करना चाहिए साथ ही हमारे पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए सार्वजनिक संसाधनों का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने बताया कि हम पृथ्वी पर जन्म लिए है पर हम सब का एक निश्चित हिस्सा है और यह ध्यान रखना चाहिए की हम कितना इसका उपयोग कर रहे है। हमें वस्तुओं के पुन: प्रयोग पर विशेष ध्यान देना चाहिए और देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियो का निर्वाहन करना चाहिए।
माननीय कुलपति प्रो० संजीत कुमार गुप्ता ने मुख्य अतिथि को पुष्प गुच्छ, अंगवस्त्रम एवं पौधा प्रदान कर स्वागत कियाl
कुलपति ने पर्यावरण के विषय में पुत्र और वृक्ष में तुलना करते हुए कहा कि “एक वृक्ष सौ पुत्र समान” होता है। हमारे पर्यावरण में लगातार घटते हुए जीव जंतुओं और विलुप्त होते अनेकों प्रजातियों के बारे में चर्चा किया और बताया कि इसका प्रकृति पर क्या असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हरित शब्द का मतलब सस्टेनेबिलिटी से है। 2015 ई० में विश्व कल्याण के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ ने 17 लक्ष्य निर्धारित किये हैl जिसमें 07 बिंदु पर्यावरण से सम्बंधित हैंl उठो, जागो की बात करते हुए पर्यावरण और प्रकृति की रक्षा की लिए सभागार में उपस्थित लोगों को शासन द्वारा प्रेषित शपथ दिलवाया और कहा कि हमें प्रकृति की रक्षा सदा करनी चाहिए क्योंकि पृथ्वी को हमारी आवश्यकता नहीं है बल्कि हमें पृथ्वी की आवश्यकता है l कुलपति महोदय ने ग्रीन बॉय और ग्रीन गर्ल पुरस्कार योजना के शुरुआत की घोषणा की l यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष पर्यावरण जागरूकता के प्रति सर्वश्रेष्ठ योगदान देने वाले छात्र/छात्राओं को दिया जायेगाl
इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस का थीम "बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन, इकोसिस्टम रिस्टोरेशन" घोषित किया गया है जो कि प्लास्टिक कचरे के निपटारे के समाधान खोजने पर जोर देता है। इस पर भी चर्चा की गई। कुलसचिव एस० एल० पाल ने सभी का आभार व्यक्त किया और धन्यवाद व्यक्त किया और कहा कि प्रकृति के सभी संसाधन अमूल्य है तथा उनका संरक्षण करना अत्यंत आवश्यक है।
डॉ० लाल विजय सिंह ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस प्रकृति और पर्यावरण के महत्व को चिन्हित करने के लिए मनाया जाता है, यह पर्यावरण की सुरक्षा के लिए जागरूकता और कार्यवाई को प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है और यह वैश्विक आबादी को एक संकेत भी देता है की प्रकृति का मूल्यांकन नहीं किया जाना चाहिए तथा किसी भी कीमत पर इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। इसके तहत सभी का प्लास्टिक प्रदूषण के उपयोग और उसके समाधान पर ध्यान केंद्रित करना रहेगा। कृषि विभाग के छात्र सचिन ने नदी और पृथ्वी के अलौकिक मेल से एक अति सुंदर काव्य को गीत के रूप में प्रस्तुत किया।
स्वागत उद् बोधन निर्देशक शैक्षणिक (प्रभारी) डॉ० अजय कुमार चौबे ने किया तथा कार्यक्रम का संचालन डॉ० शैलेंद्र सिंह, मध्यकालीन एवं आधुनिक इतिहास विभाग, विवि० ने किया। इस अवसर पर डॉ० अमित सिंह , सुश्री ट्विंकल वर्मा, डॉ० खुशबु दुबे, डॉ० पूजा सिंह, डॉ० विनय कुमार, डॉ० शशि प्रकाश शुक्ला, कृष्ण गोपाल गुप्ता, डॉ० अजित जायसवाल, डॉ० विनीत शाही, डॉ० करुणेश दुबे, डॉ० आर० एन० सिंह, हर्ष त्रिपाठी एवं ज्ञानेंद्र चौहान, अन्य प्राध्यापक गण, कर्मचारीगण व छात्र - छात्राएं उपस्थित रहे।
रिपोर्ट: विनय कुमार
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