स्वर्णकार संघ के राष्ट्रीय सचिव ने कहा: त्योहारों के समय दुकानें पड़ी सुनसान
बलिया। बढ़ती महंगाई के कारण बाजारों में दुकान सुनसान पड़ी है। त्यौहार आया है और बाजार सुनसान पड़ी हुई है। होली के त्यौहार में बाजारों में ना ही नए कपड़ों में रुचि है और ना ही रंगों में रुचि है। व्यापारी नए-नए रंगों व पिचकारी की दुकान लगाए बैठे हैं। लेकिन बाजारों में ग्राहक गायब है यह सोचनीय विषय है।
उक्त बातें स्वर्णकार संघ के राष्ट्रीय सचिव व जनपद के व्यवसायी सुनील सरार्फ ने मीडिया से वार्ता के दौरान कही। श्री सर्राफ ने बताया कि पहले ऐसा हुआ करता था कि होली से एक महीना पहले ही लोग अपना घरों की खरीदारी करना शुरू कर देते थे। लेकिन इस साल देखा जाए कि होली ऐसा लगता है कि लोग भूल गए हैं। केवल होली के दिन याद रहता है कि आज होली है जिसका कारण केवल महंगाई है। सरकार को विचार करना चाहिए कि गरीब तबके के लोगों को भी त्यौहार मनाने का हक है। क्योंकि जिस प्रकार उन्होंने सिलेंडर पर महंगाई की है और उज्जवला योजना के तहत उन्होंने गरीबों को सिलेंडर और गैस वितरण किया अब उन लोगों के पास पैसा नहीं है कि वह सिलेंडर को भरवा सकें। सरकार इसको विचार करें और गरीबों को साल में 4 या 5 निःशुल्क सिलेंडर उपलब्ध कराएं और महंगाई को नियंत्रण करें जिससे कि बाजारों में रौनक पुनः वापस लौट आए।
रिपोर्ट: विक्की कुमार गुप्ता
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