पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने घाघरा नदी के कटाव से प्रभावित क्षेत्रों का किया दौरा
बलिया। बार-बार पत्राचार करने के बाद भी प्रदेश सरकार घाघरा नदी से हो रहे जनपद के अनेक गांव में कटाव को रोकने हेतु कोई बचाव कार्य नहीं कर रही है।शासन में बैठे लोग कटान पीड़ितों को अपने हाल पर छोड़ दिए हैं जो उचित नहीं है।
उक्त बातें समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव एवं पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने घाघरा नदी के कटाव से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद प्रेस को जारी अपने बयान में कही है।रामगोविन्द चौधरी बांसडीह विधानसभा क्षेत्र के रेंगहा,रामपुर नंबरी और चितविसाव आदि कटान प्रभावित गांव का दौरा करने के बाद बताया कि मैं कटान स्थल से ही जिलाधिकारी बलिया से दूरभाष पर वार्ता किया और तत्काल कटानरोधी बचाव कार्य करने को कहा जिस पर जिला अधिकारी ने कटानरोधी कार्य कराने का आश्वासन दिया। ज्ञात हो कि मैं पूर्व में भी कई बार प्रदेश के मुख्यमंत्री महोदय और माननीय जल शक्ति मंत्री को कटान रोधी कार्य कराने हेतु पत्र लिख चुका हूं परंतु दुख होता है कि अनेक गांव के किसानों की खेती योग्य भूमि कटान से नदी में विलीन हो रहे हैं साथ ही गावों के अस्तित्व पर भी खतरा हैं इतने महत्वपूर्ण जनहित के कार्य को सरकार अनदेखा कर रही हैं मैं पुनः इस संबंध में माननीय मुख्यमंत्री जी को पत्र लिखूंगा आवश्यकता पड़ी तो उनसे मिलकर इस कार्य हेतु निवेदन करूंगा अगर फिर भी घाघरा के किनारे बसे लोगों के सुरक्षा नही की जाती हैं तो समाजवादी पार्टी इसके लिए बड़ा आंदोलन खड़ा करेगी क्योंकि राजनैतिक दल एवं राजनैतिक कार्यकर्ता का पहला काम जनता की समस्याओं के निराकरण हेतु सार्थक पहल का है।
राष्ट्रीय सचिव ने सरकार पर हमलावर अंदाज में कहा कि भाजपा सरकार का विकास से कोसों दूर का कोई संबंध नहीं है यह लोग समाज में वैमनस्यता और बिखराव पैदा कर अपनी राजनीतिक रोटी सेकने के अलावा और कुछ नहीं करते जनहित के कार्यों से इनका कोई लेना देना नहीं है सिर्फ और सिर्फ जुमला बोलना आश्वासन देना इनका काम है कोई भी विकास की परियोजना इनके दो कार्यकाल में जनपद में नहीं आई लगता है भाजपा सरकार के डायरी में बलिया का नाम अंकित ही नहीं है। या तो इन्हें 2024 में केंद्र विदाई का एहसास हो गया है या बलिया के स्वाभिमान को यह चिढ़ा रहे हैं लेकिन बलिया के लोग अपना विकास का हिस्सा लेना अच्छी तरह से जानते हैं और उस विकास का हिसाब आने वाले 2024 के लोकसभा चुनाव में जरूर होगा।
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