गंगा समग्र रसड़ा के तत्वावधान में आयोजित हुआ जन जागरण संवाद
रसड़ा (बलिया)। गंगा समग्र रसड़ा, गोरक्ष प्रान्त उत्तर प्रदेश का जन जागरण संवाद रविवार को महंत विश्वनाथ यति पूर्व माध्यमिक विद्यालय चोगड़ा चिलकहर पर गंगा समग्र रसड़ा के तत्वावधान में आयोजित हुआ।
मुख्य अतिथि डॉ सुरेश तिवारी (सेवानिवृत्ति मुख्य चिकित्सा अधिकारी) ने गंगा एवं उसकी सहायक नदियों तालाबों जलाशयों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जल है तो कल है। वृक्ष और वनस्पतियां जल के संचय का महती कार्य करती हैं। मुख्य वक्ता स्वतंत्र देव सिंह ने संवाद करते हुए कहा कि प्रकृति और पांच पंच भूत स्वस्थ जीवन जीने का आधार है, इनका संरक्षण संवर्धन मानव का संरक्षण संवर्धन भी है। गंगा समग्र रसड़ा के जिला संयोजक विनय कुमार बिसेन ने गंगा समग्र की संगठनात्मक संरचना पर संवाद करते हुए कहा कि गंगा की घाटी दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाली नदी घाटी मानी जाती है। भारत देश की कुल आबादी का लगभग आधा भाग इससे प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से पोषित है। दुर्भाग्य से गंगा जी आज विश्व की दस सबसे अधिक प्रदूषित नदियों में हैं। इनमें हजारों टन औधोगिक कचरा, सीवरेज रसायन और कीटनाशक रोज जा रहे हैं। गंगा मां की इस दशा के साथ ही एक सभ्यता के खत्म होने का संकट उत्पन्न हो गया है। इन्हीं चिंताओं के फलस्वरुप गंगा समग्र अस्तित्व में आया है। गंगा समग्र ने देश के हर जल तीर्थ को अविरल और निर्मल बनाने का संकल्प लिया है। सह संयोजक दीपक वर्मा ने संवाद करते हुए गंगा समग्र के आयामों के बारे में चर्चा की। सह संयोजक मुकेश सिंह ने जन जागरण से भागीरथ बनकर मां गंगा को स्वच्छ करने का आह्वान किया। बालेश्वर नाथ पांडे ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए होली की शुभकामनाएं भी सभी को दी।
कार्यक्रम में सतीश सिंह "पप्पू", दीपक सिंह "संटू", मनोज यादव, मुन्ना चौहान, मनीष सिंह, किशन कुमार सिंह, जयराम सिंह, आनंद सिंह, जेपी, कृष्ण कुमार, मुन्ना चौहान, रविंदर, लाल बहादुर, सुनील, बाबूलाल गुप्ता, मनोज कुमार सिंह, संजय चौहान, विमलेश ने भी प्रकृति संरक्षण के विभिन्न पहलुओं पर संवाद किया।
रिपोर्ट: लल्लन बागी
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